नई दिल्ली (एएनआई)। Kolkata Doctor Murder: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में लेडी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या का केस एक महीने बाद भी नहीं सुलझा है। एक ओर सीबीआई मामले की गुत्थी सुलझाने में जुटी है वहीं दूसरी ओर ट्रेनी डॉक्टर्स की हड़ताल जारी है। इस सबके बीच आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की सभी पिक्चर्स सोशल मीडिया से तत्काल हटाने का आदेश दिया। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी याद दिलाया कि कल शाम 5 बजे तक काम पर लौटे डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। हालांकि इस पर भी फोकस किया कि यदि डॉक्टर कल शाम तक काम पर नहीं लौटते तो सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार को एक्शन लेने से रोक नहीं पाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक परिस्थितियां बनाने का भी निर्देश दिया, जिसमें मेल और फीमेल दोनों के लिए टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध हो। कोर्ट ने कथित दुष्कर्म और हत्या के एक मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में भी कई चिंताएं जताईं।

सीबीआई को चुनौतियों का सामना करना पड़ा
पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कई मुद्दों की ओर इशारा किया। सुनवाई के दौरान मौजूद एक अधिवक्ता ने योनि के स्वाब को ठीक से संभाले न जाने पर सवाल उठाया, जिसे 4 डिग्री सेल्सियस पर संरक्षित किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। सीबीआई का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि यह कब किया गया, जो ऐसे मामलों में बहुत जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म और हत्या के मामलों में, सबूत इकट्ठा करने के लिए पहले पांच घंटे महत्वपूर्ण होते हैं, और सीबीआई को घटना के पांच दिन बाद अपनी जांच शुरू करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
17 सितंबर को मामले की समीक्षा करेगी सुप्रीम कोर्ट
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई में सुप्रीम कोर्ट ने एसजी तुषार मेहता से पूछा कि क्या शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने के समय आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध थे। वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल आवश्यक दस्तावेज तत्काल प्रस्तुत करने में असमर्थ रहे, इसलिए उन्हें प्रस्तुत करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। तुषार मेहता ने पुष्टि की कि उन्हें उपलब्ध कराई गई फाइलों में दस्तावेज शामिल नहीं थे। सीजेआई चंद्रचूड़ ने सीबीआई को अगले सप्ताह तक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। अदालत मंगलवार, 17 सितंबर को मामले की समीक्षा करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज के बारे में भी पूछताछ की
सीजेआई चंद्रचूड़ ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के आवास की अस्पताल से निकटता के बारे में पूछा। एसजी मेहता ने जवाब दिया कि यह लगभग 15-20 मिनट की दूरी पर है। कोर्ट ने अननेचुरल डेथ के लिए रिपोर्ट के रजिस्ट्रेशन पर स्पष्टता मांगी। कपिल सिब्बल ने कहा कि डेथ सर्टिफिकेट दोपहर 1:47 बजे जारी किया गया था, जबकि पुलिस ने अननेचुरल डेथ रिपोर्ट दोपहर 2:55 बजे दर्ज की। सिब्बल ने आगे बताया कि घटना से संबंधित तलाशी और जब्ती रात 8:30 बजे से 10:45 बजे के बीच हुई। कोर्ट ने घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज के बारे में भी पूछताछ की।
27 मिनट की चार वीडियो क्लिप सीबीआई को सौंपी गई
एसजी मेहता ने पुष्टि की कि कुल 27 मिनट की चार वीडियो क्लिप सीबीआई को सौंपी गई हैं। सीबीआई अब आगे की जांच के लिए नमूने एम्स और अन्य फोरेंसिक लैब भेज रही है। इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा कड़ी की जाए साथ ही अस्पताल के पास सभी सीआईएसएफ कर्मियों के लिए आवास की व्यवस्था की जाए। सुरक्षा मामलों के संबंध में, सुप्रीम कोर्ट ने सीआईएसएफ कर्मियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में उचित पहचान के बिना किसी को भी इमरजेंसी वार्ड में जाने की परमीशन न दी जाए।

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