(1) डिस्प्ले : बड़ी स्क्रीन के बिना वीडियो और गेम का मजा अधूरा
यदि आप फोन पर वीडियो देखने, फोटो खींचने और गेम खेलने में ज्यादा वक्त बिताते हैं तो आपके स्मार्टफोन की स्क्रीन बड़ी होनी चाहिए. ऐसे लोगों के लिए 4.5 से 5 इंच स्क्रीन वाला फोन ठीक रहता है. मेल या प्रेजेंटेशन बनाने के लिए बड़ी स्क्रीन काम आती है. इससे टाइप करना आसान हो जाता है. स्क्रीन के हिसाब रिजॉल्यूशन पर भी ध्यान देना चाहिए. ज्यादा होने पर बैटरी ज्यादा खाएगा और कम हुआ तो स्क्रीन पर पिक्चर क्लीयर नहीं आएगी. 5 इंच फोन का रिजॉल्यूशन 720 X 1280 पिक्सल होना ही चाहिए. स्क्रीन पर कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास भी होना चाहिए नहीं तो स्क्रीन का टच कुछ महीनों बाद ठीक काम नहीं करता.
(2) प्रोसेसर : मोबाइल हैंग होने से चिढ़ है तो आपको चाहिए फास्ट प्रोसेसर
अगर आप अपने फोन पर ब्राउजिंग, यू-ट्यूब पर वीडियो और म्यूजिक सुनते-सुनते दूसरे काम भी करते हैं तो आपको ड्यूल कोर या क्वॉड कोर प्रोसेसर चाहिए. आजकल ऑक्टा कोर प्रोसेसर वाले फोन भी आने लगे हैं. प्रोसेसर फास्ट हो तो मोबाइल पर एप स्मूथ चलते हैं. कई एप एकसाथ चलाने पर फोन हैंग नहीं करता है.
(3) मेमोरी : ज्यादा मेमोरी मतलब मल्टी परपज फोन
मोबाइल में मेमोरी दो प्रकार की होती हैं, पहली RAM और दूसरी ROM. कोई भी स्मार्टफोन तभी अच्छा वर्क करता है, जब उसकी रैम प्रोसेसर के हिसाब से हो. क्वॉड कोर प्रोसेसर हो और रैम 1 जीबी तो मल्टी फंक्शन वर्क करने पर फोन का हैंग करना तय है. ड्यूल कोर और क्वॉड कोर प्रोसेसर के लिए कम से कम 1 जीबी रैम और ऑक्टा कोर प्रोसेसर के लिए 2 जीबी रैम होनी चाहिए. इसी तरह फोन की इंटरनल मेमोरी जिसे रोम भी कहते हैं कम हो तो मेल, व्हॉट्सएप, फेसबुक वगैरह चलाने पर कुछ महीने बाद ही फोन हैंग करने लगता है या फिर बार-बार मेमोरी क्लीयर करने का मैसेज देने लगता है. इसलिए मोबाइल से मेल, फेसबुक, व्हॉट्सएप, वीडियो, फोटो जैसे काम लेने हों तो 16 जीबी मेमोरी होनी ही चाहिए. एक्सटरनल मेमोरी कार्ड से मोबाइल की परफार्मेंस पर असर पड़ता है. इसलिए फोन की इंटरनल मेमोरी जितनी ज्यादा हो उतना ही अच्छा.
(4) कैमरा : वीडियो चैटिंग और सेल्फी के लिए फ्रंट कैम तो होना ही चाहिए
इस समय सेल्फी खींचने का ट्रेंड जोरों पर है, अब ऐसे में यूजर्स के स्मार्टफोन में फ्रंट कैमरा होना ज्यादा जरूरी हो गया है. फोटोग्राफी और वीडियो के शौकीन हैं तो आपके मोबाइल में 8 एमपी का रियर कैमरा और 2 एमपी का फ्रंट कैमरा होना ही चाहिए. इसके अलावा इसमें ऑटो-फोकस और फ्लैश भी होना चाहिए. हालांकि मार्केट में कुछ कंपनियां ऐसी हैं, जो अन्य फीचर्स तो अच्छे देती हैं, लेकिन कैमरे को लेकर कंप्रोमाइज कर लेती है. अब ऐसे में अगर आप कोई नया स्मार्टफोन खरीदने जा रहे हैं, तो कैमरे को नजरअंदाज नहीं कर सकते.
(5) बैटरी : यही तो पावर की बात है
स्मार्टफोन में बैटरी बैकअप बहुत अहम होता है. सबसे ज्यादा बैटरी इंटरनेट ब्राउजिंग में खत्म होती है. वीडियो, म्यूजिक से भी बैटरी कंज्यूम होती है. बड़ी स्क्रीन हो और प्रोसेसर तेज हो तो बैटरी जल्दी खत्म हो जाती है. यदि आप अपने फोन का हैवी यूज करते हैं और आपके मोबाइल की स्क्रीन बड़ी है और प्रोसेसर फास्ट है तो आपके फोन की बैटरी 2000 एमएएच से कम नहीं होनी चाहिए. तेज प्रोसेसर और बड़ी स्क्रीन के हिसाब से बैटरी पावर भी ज्यादा होना चाहिए.
(6) ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) : जैसी कम्यूनिटी वैसा ओएस
यदि आप कॉरपोरेट से बिलांग करते हैं और कम्यूनिकेशन के बिना आपका काम अधूरा है तो आपके लिए ब्लैकबेरी बेस्ट ऑप्शन हो सकता है. कम्यूनिकेशन के साथ वीडियो, म्यूजिक, गेम वगैरह के शौकीन हैं और ज्यादातर एप के लिए पैसे खर्च करने को तैयार हैं तो आई ओएस वाला आईफोन ले सकते हैं. आईफोन और ब्लैकबेरी हाई रेंज फोन हैं. जबकि इंडिया में ज्यादातर लोग एंड्रायड यूज करते हैं. तो आप एंड्रायड ओएस वाला गूगल सपोर्टेड हैंडसेट ले सकते हैं. ताकि ओएस टाइमली अपडेट होता रहे क्योंकि ऐसा देखने में आया है कि कई महंगे सेट में एंड्रायड टाइमली अपडेट नहीं मिलने पर फोन प्राब्लम करने लगते हैं. फोन लेते टाइम एंड्रायड वर्जन जरूर पता कर लें, कोशिश करें कि एंड्रायड का लेटेस्ट वर्जन वाला फोन खरीदें.
फिलहाल आपने स्मार्टफोन के उन 6 फीचर्स को जान लिया, जो एक मोबाइल को स्मार्ट बनाते हैं. लेकिन ऊपर बताये गये फीचर्स का सही कांबिनेशन होना ज्यादा जरूरी है. इसके अलावा ऊपर बताये गये सभी फीचर्स एक मिड-रेंज (13,000 से 15,000 रुपये तक) के स्मार्टफोन को लेकर है. अगर आपका बजट इससे ऊपर-नीचे है, तो फीचर्स में बदलाव कर सकते हैं, लेकिन बताये गये सभी फीचर्स एक बेस्ट स्मार्टफोन की कैटेगरी मे बिल्कुल फिट बैठते हैं.
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