Fact 1- गणेश चतुर्थी की पूजा तो हजारों सालों से की जा रही है परंतु 1983 में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने इसे जन उत्सव के रूप में मनाने की घोषण की थी और इस तरह उन्होंने भारतीय आस्थ को स्वतंत्रता संग्राम के साथ समाहित करके गणपति की स्थापना और उसके विर्सजन का उत्सव शुरू किया ताकि लोग ब्रिटिश्ा सरकार के विरोध के लिए भारी संख्या में एक जगह इकठ्ठे हो सकें।
Fact 2- हालाकि अब उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया जाता है परंतु मुख्य रूप से ये उत्सव महाराष्ट्र, कर्नाटक और आध्रप्रदेश के कुछ हिस्सों में प्रमुखता से आयोजित होता है। जबकि भारत के बाहर हिंदू राष्ट्र नेपाल की तराई में और अमेरिका,इंग्लैंड और मारिशस में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग इसे मनाते हैं।
Fact 3- शुरूआती दौर में गणेश प्रतिमाओं का निर्माणकेवल मिट्टी से किया जाता था ताकि इसके विर्सजन में आसानी हो परंतु अब लोग इसे प्लास्टर ऑफ पेरिस और कई केमिकलों के मिश्रण से बनाने लगे हैं जिससे जल प्रदूषण की समस्या पैदा होने लगी है।
Fact 4- 2014 में मुंबई की विभिन्न संस्थाओं ने गणेश प्रतिमायें स्थापित करके करीब 1000 पंडाल लगाये थे। जबकि एक आंकड़े के अनुसार घरों में 1,80,650 गणपति की मूर्तियां स्थापित की गयी थीं। हर साल इनकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
Fact 5- मुंबई में लालबागचा राजा के नाम से प्रसिद्ध गणेश पंडाल की विर्सजन यात्रा सबसे लंबी होती है जो प्रात 10 बजे से शुरू हो कर पूरे 24 घंटे बाद अगले दिन सुबह विर्सजन के बाद संपन्न होती है। जबकि दूसरे नंबर पर अंधेरीचा राजा का स्थान है जिसकी यात्रा की शुरूआत शाम पांच बजे होकर अगले दिन सुबह संपन्न होती है।
Fact 6- इन विशालकाय पंडालों का सुरक्षा बीमा भी कराया जाता है। 2014 के आंकड़ों के अनुसार उस साल पूरे मुंबई में सभी पुडालों का करीब 240 करोड़ का इंश्योरेंस हुआ था। जिसमें अकेले लालबाग के राजा के पंडाल का बीमा 51 करोड़ का था।
Fact 7- भगवान गणेश को एक दंत कहा जाता है क्योंकि एक बार उनके मोटे पेट का मजाक उड़ाने के कारण गुस्से में उन्होंने चंद्रमा पर हमला किया जिसमें उनका एक दांत टूट गया गया। इसके बाद उन्होंने चंद्रमो को शाप भी दिया था। हालाकि बाद में उन्होंने अपना शाप तो वापस ले लिया किंतु आज भी कई लोग गणेश चौथ पर चांद को देखना अशुभ मानते हैं।
Fact 8- महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे के अलावा सबसे ज्यादा गणपति प्रतिमाओ का र्निमाण यहां के पण जिले में होता है जहां करीब 500 वर्कशॉप में लगभग 800 कलाकार हर साल सात लाख प्रतिमायें निर्मित करते हैं।
Fact 9- हालाकि कई लोग गणेश जी को ब्रह्मचारी मानते हैं मगर उनकी रिद्धि और सिद्धि नाम की दो पत्िनयां हैं जिनके जन्मदाता ब्रह्माजी को माना जाता है क्योंकि गणेश जी ने ये कह कर कि सभी देवताओं के पास एक से अधिक पत्नियां जबकि उनके पास एक भी नहीं है अपने लिए जीवन संगनी की मांग की थी।
Fact 10- पिता शिव जी के वरदान के बाद गणेश जी को देवताओं में अग्रणी और प्रथम पूज्य होने का अधिकार प्राप्त हुआ। इसीलिए कोई भी अनुष्ठान शुरू करने के पहले गणेश जी आराधना करते हुए ऊपर दिए मंत्र का जाप किया जाता है जिसका अर्थ है कि हे सूणधारी विशाल उदर वाले, सौ सूर्यों के समान बुद्धि रखने वाले, गणेश जी आप हमारे सभी कार्यों को बिना बाधा के सम्पन्न करने का आर्शिवाद दीजिए।
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