1- वैसे आमतौर पर माता पिता बच्चों के बीच पार्टी नहीं बनते हैं। इसके बावजूद कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के अनुसार 65 प्रतिशत मायें और 70 प्रतिशत पिता एक बच्चे को दूसरे पर महत्व देते हैं।
2- कई बार विपरीत जेंडर के सिबलिंग्स एक दूसरे के ज्यादा करीब होते हैं, और उनमें बेहतर अंडरस्टैंडिंग होती है।
3- लीपज़िग यूनिवर्सिटी का शोध कहता है कि सिबलिंग्स में पहला बच्चा दूसरों से थोड़ा ज्यादा बुद्धिमान होता है।
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4- वहीं 1000 सिबलिंग्स पर की गई एक रिसर्च में कहा गया है कि सिबलिंग्स में सबसे छोटे वाले का हृयूमर का सेंस बाकियों से बेहतर होता है।
5- यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलेंड और यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन की रिसर्च कहती हैं कि अगर बड़े बच्चे में कोई खराब आदत होती है तो उसके बाद वाले बच्चे में ये आदत बढ़ती चली जाती है। जैसे पहला बच्चा ड्रिंक करता है तो दूसरे भाई बहन में ये शौक दुगना हो जाता है।
6- ज्यादा सिबलिंग्स होने पर हर छोटे बच्चे की सेहत खराब होने का अंदेशा बना रहता है। जापानी वैज्ञानिकों का कहना है बाद के भाई बहनों का इम्युनिटी सिस्टम क्रमश: कमजोर होता जाता है।
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7- शोधकर्ताओं का कहना है कि भले ही सिबलिंग्स की शक्लें आपस में मिलती हां पर उनका व्यक्तित्व और आदतें अलग अलग होती हैं।
8- डॉ. जोनाथन कैस्पी का कहना हैं कि सिबलिंग्स का एक दूसरे पर प्रभाव माता पिता से ज्यादा होता है खासतौर पर अगर दोनों सेम सेक्स के हों। वे एक दूसरे के लिए ज्यादा प्यार, सर्पोट और आपसी समझदारी रखते हैं।
9- माता पिता से मतभेद की स्थिति में सिबलिंग्स एक दूसरे के ज्यादा करीब हो जाते हैं और एक दूसरे को सहयोग देते हैं।
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10- डॉ. जोनाथन कैस्पी का ये भी कहना है कि मुश्किल परिस्थितियों में सिबलिंग का सर्पोट दूसरे के लिए एक बेहतरीन दवा की तरह काम करता है।
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