नंबर एक- शशिकला का जन्म तंजौर जिले के मनारगुड़ी में हुआ था। शशिकला ने अपनी स्कूली पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। शशिकला की शादी तमिलनाडु सरकार में पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर रहे नटराजन से हुई। 80 के दशक में वे एक वीडियो रेंट और रिकॉर्डिंग दुकान चलाती थीं और उस वक्त जयललिता AIADMK की प्रोपोगैंडा सेक्रेटरी थीं। वह आसपास के इलाकों में होने वाली शादियों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी किया करती थीं। इसी दौरान शशिकला की मुलाकात जयललिता से पार्टी फंक्शन की रिकॉर्डिंग के समय हुई थी।
नंबर दो- शशिकला के पति नटराजन कडलोर जिले के डीएम वीएस चंद्रलेखा के साथ थे। चंद्रलेखा तमिलनाडु के तत्कालीन एमजीआर के करीब थीं जो को एक्ट्रेस जयललिता के भी काफी करीबी थे। कलेक्टर चंद्रलेखा ने एम. नटराजन के कहने पर एमजीआर से शशिकला और जयललिता को मिलवाने का आग्रह किया। उसके बाद से ही शशिकला और जयललिता एक दूसरे के काफी करीबी कहलाने लगे। एक इंटरव्यू में जयललिता ने कहा भी था कि शशिकला उनकी बहन की तरह हैं, उनमें कोई ब्लड रिलेशन नहीं है पर जयललिता उन्हें अपनी मां की तरह सम्मान देती थीं क्योंकि वो उनका वैसे ही ख्याल रखती थीं।
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नंबर तीन- कुछ ही समय में शशिकला और जयललिता इतनी अच्छी दोस्त बन गईं कि शशिकला उनके घर पर ही रहने लगीं। 1988 में शशिकला का पूरा परिवार जयललिता के घर पर शिफ्ट हो गया था। उसके बाद धीरे-धीरे एआईडीएमके पर शशिकला का वर्चस्व लगातार बढ़ता गया। एक समय ऐसा आ गया कि पार्टी से जुड़े बड़े फैसलों में शशिकला की अहम भूमिका होने लगी।
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नंबर चार- साल 2011 में शशिकला पर जयललिता को धीमा जहर देकर मारने की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगा था। आरोप यह था कि शशिकला जयललिता की हत्या के बाद अपने पति नटराजन को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहती थीं। इसके बाद जयललिता ने शशिकला को पार्टी से निकाल दिया और उनसे पूरी तरह दूरी बना ली। शशिकला के साथ उनके 13 रिश्तेदारों को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। हालांकि बाद में शशिकला ने उनसे माफी मांग ली। जिसके बाद एक साल के अंदर जयललिता ने शशिकला को माफ कर दिया और उनको पार्टी में वापस ले लिया। शशिकला ने कसम खाई थी कि वो अपने रिश्तेदारों से नाता तोड़ देंगी।
नंबर पांच- साल 1995 में शशिकला के भतीजे सुधाकरण को जयललिता ने गोद ले लिया। सुधाकरण की शादी शिवाजी गणेशन की ग्रैंडडॉटर के साथ बड़े भव्य तरीके से की गई और उसमें अथाह पैसा खर्च किया गया। इसे 1996 में जयललिता के चुनाव हारने का एक बड़ा कारण भी माना गया। तब ये कहा जाने लगा था कि जयललिता की विरासत सुधाकरण ही संभालेंगे, लेकिन वर्ष 1996 में अम्मा ने सुधाकरण से नाता तोड़ लिया लेकिन चिनम्मा शशिकला के साथ उनके रिश्तों की मजबूती बढ़ती गई।
नंबर छह- हांलाकि पिछले 10 साल से शशिकला पार्टी में पूरी तरह से सक्रिय भूमिका निभा रही हैं, खास तौर से जयललिता की तबीयत बिगड़ने और उनके जेल जाने के बाद से। इसके बावजूद शशिकला ने कभी भी पार्टी और सरकार में कोई पद नहीं लिया।
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नंबर सात- 2014 में जयललिता के साथ शशिकला 4 साल के लिए जेल भी गयी थीं। बेंगलुरू की स्पेशल कोर्ट ने 27 सितंबर 2014 को उन्हें10 करोड़ का जुर्माना देने को भी कहा था। इससे पहले अम्मा और चिनम्मा दोनों को 7 दिसंबर 1996 को कलर टीवी घोटाले में भी गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने दोनों को 30 दिनों की हिरासत में भेजा था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया था। इसी तरह तांसी जमीन अधिग्रहण मामले में भी निचली अदालत ने दोनों को दो-दो साल की सजा सुनाई थी, लेकिन मद्रास हाई कोर्ट ने शशिकला को इस मामले में बरी कर दिया था।
नंबर आठ- जयललिता के बाद शशिकला को एआईएडीएमके का सबसे कद्दावर नेता माना जाता है। उनके करीबी लोग ये मानते और जानते हैं कि अम्मा के कई फैसलों के पीछे वे ही होती थीं। इसके बाद भी अब भी तमिलनाडु के आम लोगों ने कभी शशिकला की आवाज तक नहीं सुनी है, क्योंकि वो कभी किसी पब्लिक फंक्शन में बोली ही नहीं हैं।
नंबर नौ- कई लोगों का मानना है कि शशिकला की छवि जनता के बीच बहुत अच्छी नहीं है, क्योंकि उन के ऊपर भ्रष्टाचार, परिवारवाद जैसे कई आरोप लग चुके हैं। वो अम्मा जैसी चमत्कारी नेता भी नहीं मानी जातीं और उन्हें पार्टी से भी निकाला जा चुका हैं।
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नंबर दस- शशिकला तमिलनाडु की राजनीति में खास जगह रखने वाली थेवर कम्युनिटी से आती है, उन्होंने इस संप्रदाय के लोगों की काफी मदद भी की है। साथ ही वे और सीएम पेन्नीरसेलवम एक ही कास्ट से भी हैं ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि राज्य और पार्टी में दूसरी जाति के लोग खुद को अलग-थलग महसूस कर सकते हैं। देखना होगा कि ऐसे में राज्य की जनता उन्हें कैसे स्वीकारेगी और क्या वे अम्मा जयललिता की जैसी लोकप्रियता हासिल करके वाकई चिनम्मा बन सकेंगी।
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