भैंस के दूध से पाउडर
जी हां अक्सर दूध लाने व पीने वाले को लोग मिल्क मैन लोग बोल देते हैं लेकिन जब मिल्क मैन ऑफ इंडिया की बात होती है तो डॉ वर्गीज कुरियन का नाम लेते हैं। 26 नवम्बर 1921 को केरल के कोझिकोड में जन्में डॉक्टर वर्गीज कुरियन ने ही देश में पहली बार भैंस के दूध से पाउडर बनाया था।
पिता एक सिविल सर्जन
डॉक्टर वर्गीज कुरियन के पिता कोचीन में एक सिविल सर्जन थे। डॉक्टर कुरियन ने मद्रास विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री और गिंडी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। डॉक्टर कुरियन बचपन से ही कुछ अलग करने की कोशिश किया करते थे।
सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश
इन्होंने दुग्ध उत्पादन में नए-नए अविष्कार किए हैं। कुरियन ने 1973 में गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन की स्थापना की थी। 'फादर ऑफ द व्हाइट रेवोलुशन' के नाम से जाने वाले कुरियन की वजह से 1998 भारत अमेरिका में सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बन गया था।
श्वेत क्रन्ति के नाम से
अमूल इंडिया के रूप में उन्होंने कई बड़े उत्पादों का सृजन किया। देश में बढ़ते दूध उत्पादन से दूध और ज्यादा लोगों के बीच पसंदीदा बन गया। इस काम के लिए इनका नाम सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी सराहा गया। दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में अगाध सफलता को 'श्वेत क्रन्ति' नाम से जाना गया।
दुनिया को अलविदा कहा
डॉक्टर कुरियन को वर्ल्ड में करीब 12 यूनिवर्सिटीज में मानद उपाधियों से सम्मानित किया गाया। इसके अलावा देश में पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण अवॉर्ड के अलावा दूसरे पुरस्कारों से सम्मानित किए गए। डॉक्टर कुरियन ने 9 सितंबर 2012 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।
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