विज्ञान से गहरा लगाव
होमी भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 को मुंबई में हुआ था। होमी को बचपन से ही विज्ञान की दुनिया से गहरा लगाव था। होमी ने कैम्ब्रिज से 1930 में मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री हासिल की और 1934 में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद यह 1940 में भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरू में रीडर बने।
इंडियन एटॉमिक एनर्जी
वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा ने 1944 में परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में काम शुरू किया था। शुरू में इनके किए गए नाभिकीय ऊर्जा पर अनुसंधान कार्य की सफलता को लेकर सवाल भी उठे थे लेकिव हिम्मत नहीं हारे। होमी भाभा 1948 में 'आर्किटेक्ट ऑफ इंडियन एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम' तैयार कर चर्चित हो गए।
पहला एटॉमिक रिएक्टर
होमी जहांगीर भाभा के नेतृत्व में 1956 में एशिया का पहला एटॉमिक रिएक्टर बॉम्बे के निकट ट्रॉम्बे में स्थापित हुआ। इन्होंने नाभकीय भौतिकी के क्षेत्र में मेहसाण नामक प्राथमिक तत्व की खोज की। होमी भाभा कई वर्षों तक अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे।
कई बड़ी उपलब्धियां मिलीं
एक वैज्ञानिक के रूप में होमी जहांगीर भाभा को कई बड़ी उपलब्धियां मिली। होमी जहांगीर भाभा को 1941 में रॉयल सोसाइटी ने फैलो चुना था। इसके बाद 1943 में एडम्स पुरस्कार से प्राप्त हुआ था। इसके अलावा 1948 में हॉपकिन्स पुरस्कार और उन्हें 1954 में पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था।
दुनिया को अलविदा कहा
भाभा को शास्त्रीय संगीत एवं मूर्तिकला का भी शौक रहा। इन्होंने विवाह नहीं रचाया था। इनके अंदर लालच तनिक भी नहीं था। भारत को परमाणु शक्ति से मजबूत बनाने वाले होमी भाभा स्विट्जरलैंड एक हवाई जहाज दुर्घटना का शिकार हुए। इन्होंने 24 जनवरी, 1966 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
आज के दिन 48 बरस पहले 'LO' के साथ रात 10.30 बजे पैदा हुआ था इंटरनेटNational News inextlive from India News Desk
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