अभिनेता के तौर पर शुरूआत
फिल्म निर्देशक और निर्माता बनने के पहले सुभाष घई ने अपने करियर की शुरुआत बतौर अभिनेता की थी। उन्होंने कई लो बजट फिल्मों किया। घई 1967 की 'तकदीर'और 1971 में आई फिल्म 'आराधना'में राजेश खन्ना के दोस्त के रूप में छोटे से रोल में भी दिखाई दिए थे। उन्होंने सिर्फ सर्पोटिंग रोल ही नहीं किए बल्कि 'उमंग' और 'गुमराह'जैसी फिल्मों में लीड रोल में भी नजर आये। बाद में भी वो अपनी फिल्मों अक्सर अपनी एक झलक पर्दे पर दिखा देते थे।
कई कलाकारों को दिया पहला मौका
सुभाष घई ने हिंदी सिनेमा को कई बेहतरीन अभिनेता अभिनेत्रियां दी हैं,जिनमे जैकी श्रॉफ, माधुरी दीक्षित, मनीषा कोइराला, महिमा चौधरी, ईशा श्रावणी,श्रेयस तलपडे जैसे कई कलाकार शामिल हैं।
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सुभाष का क्रिकेट क्रेज
हालाकि खुद सुभाष घई कभी क्रिकेट खेलते या या क्रिकेट से किसी और तरह से जुड़े नहीं दिखाई दिए लेकिन फिर भी क्रिकेटर्स के प्रति उनका प्रेम हमेशा सामने आया। वो भी उनकी फिल्मों के टाइटल में, यकीन ना हो तो खुद ही देख लें, कालीचरण', 'विश्वनाथ', 'इक़बाल' और युवराज आदि।
विवादों में भी घिरे
घई अपनी फिल्मों और दूसरे कारणों से कई बार विवादों में रहे। इसका सबसे बड़ा उदाहरण तो उनकी फिल्म 'खलनायक' का माधुरी दीक्षित पर फिल्माया गया गाना 'चोली के पीछे'है। इस सांग को लगभग 41 राजनीतिक पार्टियों के विरोध का सामना करना पड़ा था। हालाकि इसके बावजूद ये गाना अपने दौर में हमेशा टॉप सांग्स की लिस्ट में सबसे ऊपर ही रहा।
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सुभाष घई का मां नहीं 'म' प्रेम
सुभाष 'म' शब्द से गहरा लगाव है इसीलिए उनकी हिरोइंस के नाम हमेशा 'म' से होते हैं, जैसे 'माधुरी दीक्षित', 'मीनाक्षी शेषाद्री', 'मनीषा कोइराला'। इस शब्द के लिए उन्होंने अपनी कई एक्ट्रेस का नाम भी बदलकर 'म' से रख दिया जैसे महिमा चौधरी जिनका असली नाम था रितु चौधरी था, और 2014 की फिल्म में इन्द्राणी मुखर्जी का नाम बदलकर 'मिष्टी' कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी पत्नी का नाम भी रेहाना से बदल कर मुक्ता कर दिया और उनके बैनर का नाम मुक्ता आर्ट्स है।
इंडस्ट्री के लिए खास प्रयास
घई ने बॉलीवुडके लिए कई महत्वपूर्ण कामों की पहल की। जैसे वो फिल्मों के इंश्योरंस की पॉलिसी लागू करने वाले पहले फिल्ममेकर थे। ये काम उन्होंने अपनी फिल्म 'ताल' का इंश्योरेंस करा कर शुरू किया। उन्होंने ही पहली बार बैंकों से फिल्मों का फायनेंस करने की बाद उठायी।
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सम्मान और कुछ बड़े काम
2001 में घई ने पहले सबसे अंतरराष्ट्रीय फिल्म स्कूल व्हिसलिंग वुडस इंटरनेशनल की स्थापना की जिसे 2010 में हॉलीवुड रिर्पोटर्स द्वारा विश्व के टॉप टेन फिल्म स्कूलों की सूची में शामिल किया गया। मीडिया ने उन्हें नब्बे के दशक में शोमैन का टाइटिल दिया और उन्हें बतौर निर्देशक कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान भी प्राप्त हुए हैं। यूनाइटेड स्टेटस सीनेट ने भी उन्हें सम्मानित किया है।
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