कैमरामैन बन कर की थी फिल्मों की शुरुआत
कानपुर। हिंदी सिनेमा के जाने-माने निर्देशक बिमल राॅय का आज जन्मदिन है। बिमल के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं। किसी भी रिकॉर्ड में बिमल राॅय के जन्मदिन के बारे में कोई उल्लेख नहीं है। मिड डे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग सौ साल पहले 12 जुलाई, 1909 को बिमल का जन्म हुआ था। वे एक ऐसे व्यक्ति थे जो तस्वीरों के माध्यम से अपने मन में चल रही बात सामने वाले को बड़ी ही आसानी से समझा देते थे। उस वक्त मूक सिनेमा का चलन था जब बिमल का जन्म ढाका में हुआ था। बिमल ने अपना करियर 1953 में शुरु किया था। उन्होंने फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत बतौर कैमरामैन की थी। उन्होंने डाइरेक्शन में करियर की शुरुआत 1953 में फिल्म 'दो बीघा जमीन' से की थी।
सामाजिक मुद्दों पर बनाते थे फिल्में
बिमल जो फिल्में निर्देशित करते थे वो समाजिक मुद्दों पर बनी होती थी और उनमें कोई चकाचौंध भी नहीं होती थी। उस समय का सिनेमा कमर्शल नहीं था जैसे आज है। उस वक्त बिमल की फिल्में समाज को कोई न कोई सीख देतीं जिनसे कुछ पैसे आ जाते थे। फिर बिमल उन पैसों से और फिल्में बनाते और लोगों के सामने पेश करते। उस समय समाज में जमींदारी, निचले वर्ग को लेकर छुआछूत और औरतों को घर से न निकलने देने जैसे बडे़ सामाजिक मुद्दे पर बिमल फिल्में बनाते जो समाज को एक जुट होने की सीख देती। इस तरह बिमल फिल्म जगत की नींव को मजबूत भी कर रहे थे और हमारे समाज को जागरुक भी। दोनों काम एक साथ चल रहे थे।
ये हैं वो फिल्में जो बन गईं पहचान
कहते हैं कि बिमल राय के कैमरे के आगे आने के लिए उस वक्त की बडी़-बडी़ एक्ट्रेस मरती थीं। भले ही बिमल सिर्फ सामाजिक सरोकार से जुडे़ मुद्दों को ही अपनी फिल्म के लिए चुनते थे फिर भी शर्मिला टैगोर, वहीदा रहमान और मधुबाला जैसी नामी हिरोइन उनके साथ काम करने की इच्छा रखती थीं। बिमल के निर्देशन में बनी कुछ फिल्में हैं 'बंदिनी', 'सुजाता', 'मधुमती', 'देवदास' और 'दो बीघा जमीन'। उस वक्त बिमल के अपने ही जलवे थे हर बडा़ एक्टर उनके पीछे-पीछे हो लेना चाहता था। बाद में 8 जनवरी, 1996 को उनका निधन हो गया जो फिल्म जगत के लिए काफी दुखद समय था।
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