चार से कम और आठ घंटे से कम ना सोयें
वैज्ञानिकों ने अपने एक नए शोध में खुलासा किया है कि जो लोग चार घंटे से कम की नींद लेते हैं उनमें हृदय रोग का खतरा 36 प्रतिशत तक और जो आठ घंटे से ज्यादा समय तक सोते हैं उनमें हार्ट प्राब्लम्स का रिस्क 28 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। ये खतरा महिलाओं के लिए पुरूषों के मुकाबले ज्यादा होता है। इसलिए स्टडी कहती है कि चार से आठ घंटे के बीच का समय सोने के लिए पर्याप्त अौर सर्वोत्म होता है।
कम सोने के खतरे
वैज्ञानिक कहते हैं कि सोने और आंखे बंद कर लेटे रहने में काफी अंतर होता है। साथ ही उन्होंने बताया कि कम सोने का रिश्ता अक्सर तनाव से होता है। यानि जब हम टेंशन में होते हैं तो हमें नीद नहीं आती जिसका असर हमारी कार्डियोवैस्कुलर सेहत पर पड़ता है। कम नींद और तनाव से ब्लड प्रेशर और धड़कन की गति बढ़ जाती है लजिसके चलते हृदय रोग का खतरा भी बढ़ जाता है।
ज्यादा सोने का दुष्प्रभाव
दूसरी ओर वैज्ञानिकों ने जरूरत से ज्यादा सोने के नुकसान भी बताये हैं। उन्होंने कहा कि नियमित रूप से आठ घंटे से ज्यादा सोने वाले लोगों में ओबेसिटी और मोटापे की समस्या तो होती ही है इसके साथ हृदय रोग की संभावनायें भी बढ़ जाती हैं। ज्यादा सोने से आप की श्वसन प्रक्रिया धीमी होती है और आलस बढ़ने लगता है जिससे आपके फैट का स्तर बढ़ता है जो हृदय पर दबाव बढ़ता है और खतरा पैदा करता है। ज्यादा सोने वालों को समय के साथ याददाश्त की समस्या भी होने लगती है।
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