उम्र से जोड़ दिया जाता है शादी का संबंध
चाहे पढ़े लिखे हों या अनपढ़, मिडिल क्लास हो, अपर क्लास हो या लोअर भारत में हर लगभग हर वर्ग में माना जाता है कि अगर लड़की 18 और लड़ा 21 के ऊपर हो गया तो वो कानूनी और सामाजिक ही नहीं मानसिक और दैहिक रूप से भी शादी की जिम्मेदारी उठाने योग्य हो जाते हैं। इसमें भी अरेंज मैरिज का तड़का लग जाता है तो बस कमाल हो जाता है। बमुश्किल चंद महीनों के परिचय के बाद दो लोगों को शादी के बंधन में बांध दिया जाता है। कई मामलों में तो ये भी नहीं होता है और शादी पर ही पहली बार दो जिंदगी भर साथ रहने वाले लोगों की मुलाकात होती है। ऐसे में उन दोनों से सुहागरात के नाम पर शादी की रात संबंध बनाने की उम्मीद की जाती है। जबकि वे दोनों ना एक दूसरे को जानते हैं ना ये जानते हैं कि दोनों या दोनों में से एक इसके लिए तैयार भी या नहीं।
चौंकाते हैं आंकड़े
इसके बावजूद एक अध्ययन में सामने आये आंकड़े हैरान करने वाले हैं। इन आंकड़ों में पता चला है कि देश में होने वाली अरेंज मैरिज की कुल संख्या में से करीब 63 प्रतिशत जोड़े शादी की पहली रात शारीरिक संबंध बनाते हैं। ये आंकड़े तब सामने आये हैं जबकि इनमें से अधिकांश जोड़े एक दूसरे के बारे में बहुत कम जानकारी रखते हैं। ऐसे में सवाल जरूर उठता है कि एक दूसरे को जाने समझे बिना संबंध बनाना उचित है क्या। वो भी तब जब अब देश में वैवाहिक मामलों में विवादों का अनुपात भी काफी बढ़ चुका है। ऐसा इसलिए है क्योंकि बिना परिचय के एक दूसरे से प्यार होना मुमकिन नहीं है और शादी में दैहिक संबंध एक दूसरे के प्रति प्रेम जताने का तरीका होता है।
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