पुरुष की तरह महसूस करती हैं
अपनी शादी के दिन दुल्हन बनीं कोडी हार्मन महसूस कर रही थीं कि वे अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में नहीं हैं, ऐसा इसलिए था क्योंकि उन्हें लगता था कि वे एक औरत के शरीर में बंद एक मर्द हैं। ये बात वो किसी को बता नहीं पा रही थीं कि उन्हें मर्द नहीं लड़कियां आकर्षित करती हैं। वो अपने परिवार से भी ये बात छुपा रही थीं क्योंकि वो एक रूढ़िवादी परिवार की बेटी थीं। शादी भी उन्होंने इस डर से की कि कहीं लोग उन्हें गे ना मान बैठें। 30 साल की कोडी का कहना है कि उन्होंने इस डर के साथ जीवन के लिए संघर्ष करते हुए बिता दिए।
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आखिर किया सच का सामना
लंबे संघर्ष के बाद आखिर कोडी ने तय कर लिया कि उन्हें अपने डर से निकल कर सच का सामना करना होगा। उन्होंने 2012 में पहले अपने परिवार से क्हा कि वो लेस्बियन हैं और फिर बताया कि वे ट्रांसजेंडर हैं। उनकी मां ये जान कर कर दुख से रो पड़ीं पर फिर उन्होंने इस बात को स्वीकार कर लिया और अब वे कोडी के विकास से खुश हैं। इसके बाद कोडी ने पुरुष बनने की प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने अपने वक्ष से मुक्ति पाने के लिए डबन मैस्टोकॉमी करायी और फिर अपना गर्भाश्य निकलवा कर अपने अंदर स्त्री होने के सारे चिन्ह खत्म कर दिये।
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बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में लिया भाग
कोडी ने भारी मात्रा में पुरुष हारमोन लेने शुरू किये। उन्होंने बताया कि 20 साल की उम्र में दूसरी बार युवा होना वो भी स्त्री से बदल कर दोबारा पुरुष के तौर पर जवान होना वाकई एक चुनौती था। इसके बावजूद ये सब तकलीफें और चुनौतियां कोडी को अपने पहले महिला से पुरुष ट्रांसजेंडर बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता में भाग लेने के इरादे से डिगा नहीं पायीं। उन्होंने शक्ति पाने के लिए कठिन प्रयास जारी रखे और 2016 में उन्होंने इस बॉडीबिल्डिंग कंप्टीशन में भाग लिया। उससे पहले जून 2016 में ही उन्होंने पुरुष बनने का अंतिम लक्ष्य, सर्जरी के द्वारा पुरुष अंग प्रत्यारोपित करवा के हासिल कर लिया था।
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जारी रहेगा संघर्ष
कोडी का कहना है कि वो अपने डर से पार पा कर एक मुश्किल लड़ाई जीत चुकी हैं। इस में उन्हें सोशलसाइट्स के जरिए भी काफी मदद मिली जब उन्हें पता चला कि ऐसे हालात से गुजरने वाली वो अकेली नहीं हैं और उनके जैसे कई लोग उनके समर्थन में आगे आये। इसके बावजूद उन्होंने कहा कि ये एक निरंतर चलने वाला संर्घष है और वो हमेशा इससे जूझती रहेंगी।

 

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