1 . गूगल
दुनिया का सबसे मशहूर सर्च इंजन गूगल से तो हर कोई वाकिफ होगा। आप इससे जुड़ा एक बड़ा सच जानकर चौंक जाएंगे कि इस सर्च इंजन का असल में शुरुआती नाम था BackRub। 1996 में इस सर्च इंजन को इसी नाम से जाना जाता था। ये वो समय था जब इसके फाउंडर लैरी पेज और सर्गी बीन ने स्टैंडफोर्ड में इसको मिलकर शुरू किया था। 1997 में इसके फाउंडर्स ने इसका नाम बदलका गूगल रख दिया। बताते हैं कि इन्हें ये Google नाम गणित के एक खेल googol से मिला था।
2 . सब-वे
सैंडविच के लिए मशहूर चेन सब-वे के नाम से भी आज लोग अच्छी तरह से परिचित हैं। अब जरा अलर्ट हो जाइए क्योंकि आपको मालूम होने वाला है इसका असली नाम। 1965 में ये चेन शुरू हुई थी। 1974 से पहले तक लोग इसको पेटीस सुपर सबमरीन्स के नाम से जानते थे।
3 . ब्लैकबेरी स्मार्टफोन
कैनेडियन स्मार्टफोन और टैबलेट कंपनी ब्लैकबेरी को 1984 में लॉन्च किया गया था। उस समय लोगों ने इसको रिसर्च इन मोशन के नाम से जाना था। फिर जनवरी 2013 में कंपनी के फाउंडर माइक लैजारिडिस और डुगलस फ्रेगिन ने इसका नाम बदलकर ब्लैकबेरी कर दिया था।
4 . पेप्सी
अब बारी आती है आपकी फेवरेट पेप्सी की। 1893 में इस ड्रिंक को ब्रैड्स ड्रिंक के नाम से शुरू किया गया था। वहीं उसके पांच साल बाद कंपनी ने अपनी इस ड्रिंक का नाम बदलकर पेप्सी कोला रख दिया। इसके पीछे कारण था कि इसके निर्माता इसको सिर्फ एक ड्रिंक नहीं मानते थे, बल्कि हेल्थ ड्रिंक मानते थे।
5 . याहू
स्टेनफोर्ड के स्टूडेंट्स जेरी यांग और डेविड फाइलो ने मिलकर जेरीस गाइड के नाम से एक साइट शुरू की। 1994 में ये साइट दुनिया के सामने आई, लेकिन जल्द ही इसका नाम याहू में तब्दील हो गया।
6 . निसान
जापानी ऑटोमेकर कंपनी निसान ने 1981 में शुरुआत अपने ब्रांड के साथ ट्रक बनाकर की। कुछ समय बाद इस कंपनी ने दत्सुन नाम के साथ छोटी कारें बनानी भी शुरू की, लेकिन बाद में कंपनी की ओर से इन छोटी कारों को भी 'दत्सुन' ब्रांड की जगह निसान के नाम से ही बेचना शुरू कर दिया।
7 . पैनासोनिक
जापानी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी पैनासोनिक का असल में जन्म 1935 में मत्सुशिता इलेक्ट्रिक इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन के नाम से हुआ था। कई सालों तक इसका नाम यही रहा। 2008 में कंपनी के फाउंडर्स ने इसका नाम बदलकर पैनासोनिक रख दिया।
8 . नाइक
दुनिया के इस सबसे मशहुर स्पोर्टी टिक के निशान को लोग पहले ब्लू रिबन के नाम से जानते थे। इसके नाम के पीछे राज था कि ये दो कंपनियों से मिलकर बना था। ब्लू रिबन स्पोर्ट और ओनिट्सुका। कुछ समय बाद ब्लू रिबन ने ओनिट्सुका से अलग होकर खुद की कंपनी स्थापित की और इसको नाम दिया नाइक का। कंपनी की ओर से बताया गया था कि जीत की देवी को नाइक के नाम से जाना जाता है।
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