वकालत की प्रैक्टिस शुरू की:
देश के 45वें चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा का जन्म 3 अक्टूबर 1953 को हुआ था। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने लॉ की पढाई पूरी करने के बाद 14 फरवरी 1977 में उड़ीसा हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। यह 1996 में उन्हें उड़ीसा हाईकोर्ट का एडिशनल जज बने थे।
सुप्रीम कोर्ट में जज के पद पर:
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने दिसंबर 2009 में पटना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस का पदभार संभाला। इसके बाद वह 24 मई 2010 में दिल्ली हाईकोर्ट में बतौर चीफ जस्टिस स्थानांतरित हए। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा 10 अक्टूबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट के जज के पद पर नियुक्त हुए।
दीपक मिश्रा के ये तीन चर्चित आदेश:
जस्टिस दीपक मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट में जज के पद 7 साल का अनुभव है। इनकी अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कई बड़े मामलों में अपने ऐतिहासिक फैसले सुनाए हैं। जिससे यह कई अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। आइए जानें जस्टिस दीपक मिश्रा के इन 3 चर्चित आदेशों के बारे में।
सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजाने का आदेश:
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने 30 नवंबर 2016 को पूरे देश में सिनेमा घरों में फिल्म शुरू होने से पहले हमेशा राष्ट्रगान बजाए जाने का आदेश दिया था। जिससे राष्ट्रगान बजने पर सिनेमा हॉल में मौजूद लोगों को खड़े होना होता है।
Fir कॉपी वेबसाइट पर डालने का आदेश:
जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस सी नगाप्पन की बेंच ने 7 सितंबर, 2016 ने एफआईआर की कॉपी पर आदेश दिया था। जिसमें सभी राज्यों की पुलिस को एफआईआर कॉपी 24 घंटों के अंदर अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना जरूरी है।
प्रमोशन में आरक्षण रोकने का आदेश:
27 अप्रैल, 2012 को प्रमोशन में आरक्षण की नीति पर रोक लगाने का फैसला देने वाले दो जजों की बेंच दीपक मिश्रा भी शामिल रह चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने आदेश दिया था प्रमोशन देने से हर एंगल से जानकारियां जुटाना अनिवार्य है।Interesting News inextlive from Interesting News Desk
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