गुजरात के पोरबंदर शहर का वो मोहल्ला जहां मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ था. तस्वीर में दाईं ओर दिख रहा है गांधी जी के घर का बाहरी हिस्सा.
2-और ये वो भव्य द्वार जिसे बाद में बनाया गया, जिसके रास्ते हम दाखिल होते हैं महात्मा गांधी के पुराने घर में.
ये घर बाहर से कुछ ऐसा नजर आता है जहां तय समय में कोई भी आ-जा सकता है.
घर में ऊपर की मंज़िल पर जाने के लिए लकड़ी से बनी सीढ़ियां लगी हैं.
सीढ़ियों पर चढ़ते हुए निगाहें ऊपर की ओर करने पर घर की छत कुछ यूं नज़र आती है.
और इस तरह हम गांधी जी के घर की पहली मंज़िल पर पहुंच जाते हैं जहां कई कमरें हैं.
इन कमरों में हवा और रोशनी के लिए कई खिड़की-दरवाज़े हैं.
दीवारों और फर्श पर भी मांडने बने हुए हैं. कई जगहों पर मरम्मत के निशान भी दिखाई देते हैं.
और ये है मशहूर साबरमती आश्रम जहां उन्होंने अपनी जीवन-संगिनी कस्तूरबा गांधी के साथ लम्बा समय बिताया.
साबरमती आश्रम में लगी मोहनदास और कस्तूरबा गांधी की तस्वीर.
गांधी जी के जीवन से जुड़ी कई चीजों को यहां सुरक्षित तरीके से रखा गया है.
इसकी मरम्मत और रख-रखाव पोरबंदर वाले घर से बेहतर लगती है.
साबरमती आश्रम का ये वही कमरा है जहां गांधी जी अक्सर बैठते थे.
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