1- करियर की शुरूआत में हेमा मालिनी को एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है। हालांकि सत्तर के दशक में जब हेमा सुपर स्टार बन चुकी थीं श्रीधर ने उनकी लोकप्रियता को कैश कराने के लिए 1973 में फिल्म 'गहरी चाल' का निर्माण किया।

2-  सालों तक संघर्ष करने बाद हेमा मालिनी को जिक्र के काबिल काम नहीं मिला था। इसके बाद 1968 उनके कैरियर का सुनहरा साल साबित हुआ जब उन्हें बॉलीवुड के शोमैन राजकपूर की फिल्म 'सपनों का सौदागर' में पहली बार लीड रोल मिला। इसी फिल्म के प्रचार के दौरान हेमा को ड्रीम गर्ल के रूप में प्रमोट किया गया हालांकि फिल्म फ्लॉप हुई लेकिन अभिनेत्री के रूप में हेमा मालिनी को दर्शकों ने पसंद कर लिया।

3-  हेमा मालिनी की मां जया चक्रवर्ती फिल्म निर्माता थीं इसी के चलते उनका झुकाव भी फिल्मों की ओर हो गया था। चेन्नई से अपनी बेसिक एजुकेशन पूरी करने के बाद 1961 में हेमा मालिनी को एक लघु नाटक 'पांडव वनवासम' में बतौर नर्तकी काम किया।
राजनीति में कामयाब फिल्मी सितारे

4- हेमा मालिनी को पहली सफलता 1970 में प्रदर्शित फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' से हासिल हुई। इसमें उनके साथ अभिनेता देवानंद मुख्य भूमिका में थे। 

5- उन्हें पहला बड़ा ब्रेक उनकी ही फिल्म 'अंदाज' में 1971 से मिला। इसे महज संयोग कहा जाएगा कि निर्देशक के रूप में फिल्म निर्माता रमेश सिप्पी की भी यह पहली फिल्म थी।

6- 1972 में हेमा मालिनी को रमेश सिप्पी की ही फिल्म 'सीता और गीता' में काम करने किया जो उनके सिने कैरियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म की सफलता के बाद वह शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचीं। 
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7- हेमा मालिनी पहली अभिनेत्री हैं जो लगातार बॉलीवुड की नंबर वन एक्ट्रेस रही हैं। उन्होंने लगभग 150 फिल्मों में काम किया। उनकी कुछ हिट फिल्में हैं, 'सीता और गीता' 1972, 'प्रेम नगर', 'अमीर गरीब' 1974, 'शोले' 1975, 'महबूबा', 'चरस' 1976, 'ड्रीम गर्ल', 'किनारा' 1977, 'त्रिशूल' 1978, 'मीरा' 1979, 'कुदरत', 'नसीब', 'क्रांति' 1980, 'अंधा कानून', 'रजिया सुल्तान' 1983, 'रिहाई' 1988, 'जमाई राजा' 1990, 'बागबान' 2003, 'वीर जारा' 2004, आदि।

8- परदे पर हेमा मालिनी की जोडी धर्मेन्द्र के साथ खूब जमी। बाद में रियल लाइफ में भी पति पत्नी बनी यह जोड़ी सबसे पहले फिल्म 'शराफत' से चर्चा में आई। 1975 में फिल्म 'शोले' में धर्मेन्द्र ने वीरु और हेमामालिनी ने चुलबुली बसंती की भूमिका निभा कर लोगों को दीवाना बना लिया। शादी बाद इस जोड़ी ने 'ड्रीम गर्ल', 'चरस', 'आसपास', 'प्रतिज्ञा', 'राजा जानी', 'रजिया सुल्तान', 'अली बाबा चालीस चोर', 'बगावत', 'आतंक', 'द बर्निंग ट्रेन' और 'दोस्त' जैसी कई हिट फिल्मों में एक साथ काम किया।

9- हेमा मालिनी पर जब ये आरोप लगने लगे कि वह केवल ग्लैमर वाले किरदार ही निभा सकती हैं, तब उन्होंने 'खुशबू' 1975, 'किनारा' 1977, और 'मीरा' 1979 जैसी फिल्मों में अभिनय करके अपने शानदार प्रदर्शन से अपने आलोचकों का मुंह हमेशा के लिए बंद कर दिया।
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10- 1990 में हेमा मालिनी ने छोटे पर्दे की ओर रूख किया और धारावाहिक 'नुपूर' का निर्देशन भी किया। इसके बाद 1992 में शाहरूख खान को लेकर उन्होंने फिल्म 'दिल आशना है' का निर्माण और निर्देशन किया। 1995 में उन्होंने छोटे पर्दे के लिए 'मोहिनी' का निर्माण और निर्देशन किया।
 

1- करियर की शुरूआत में हेमा मालिनी को एक तमिल निर्देशक श्रीधर ने अपनी फिल्म में काम देने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है। हालांकि सत्तर के दशक में जब हेमा सुपर स्टार बन चुकी थीं श्रीधर ने उनकी लोकप्रियता को कैश कराने के लिए 1973 में फिल्म 'गहरी चाल' का निर्माण किया।

 

2-  सालों तक संघर्ष करने बाद हेमा मालिनी को जिक्र के काबिल काम नहीं मिला था। इसके बाद 1968 उनके कैरियर का सुनहरा साल साबित हुआ जब उन्हें बॉलीवुड के शोमैन राजकपूर की फिल्म 'सपनों का सौदागर' में पहली बार लीड रोल मिला। इसी फिल्म के प्रचार के दौरान हेमा को ड्रीम गर्ल के रूप में प्रमोट किया गया हालांकि फिल्म फ्लॉप हुई लेकिन अभिनेत्री के रूप में हेमा मालिनी को दर्शकों ने पसंद कर लिया।

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3-  हेमा मालिनी की मां जया चक्रवर्ती फिल्म निर्माता थीं इसी के चलते उनका झुकाव भी फिल्मों की ओर हो गया था। चेन्नई से अपनी बेसिक एजुकेशन पूरी करने के बाद 1961 में हेमा मालिनी को एक लघु नाटक 'पांडव वनवासम' में बतौर नर्तकी काम किया।

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4- हेमा मालिनी को पहली सफलता 1970 में प्रदर्शित फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' से हासिल हुई। इसमें उनके साथ अभिनेता देवानंद मुख्य भूमिका में थे। 

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5- उन्हें पहला बड़ा ब्रेक उनकी ही फिल्म 'अंदाज' में 1971 से मिला। इसे महज संयोग कहा जाएगा कि निर्देशक के रूप में फिल्म निर्माता रमेश सिप्पी की भी यह पहली फिल्म थी।

 

6- 1972 में हेमा मालिनी को रमेश सिप्पी की ही फिल्म 'सीता और गीता' में काम करने किया जो उनके सिने कैरियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म की सफलता के बाद वह शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचीं। 

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7- हेमा मालिनी पहली अभिनेत्री हैं जो लगातार बॉलीवुड की नंबर वन एक्ट्रेस रही हैं। उन्होंने लगभग 150 फिल्मों में काम किया। उनकी कुछ हिट फिल्में हैं, 'सीता और गीता' 1972, 'प्रेम नगर', 'अमीर गरीब' 1974, 'शोले' 1975, 'महबूबा', 'चरस' 1976, 'ड्रीम गर्ल', 'किनारा' 1977, 'त्रिशूल' 1978, 'मीरा' 1979, 'कुदरत', 'नसीब', 'क्रांति' 1980, 'अंधा कानून', 'रजिया सुल्तान' 1983, 'रिहाई' 1988, 'जमाई राजा' 1990, 'बागबान' 2003, 'वीर जारा' 2004, आदि।

 

8- परदे पर हेमा मालिनी की जोडी धर्मेन्द्र के साथ खूब जमी। बाद में रियल लाइफ में भी पति पत्नी बनी यह जोड़ी सबसे पहले फिल्म 'शराफत' से चर्चा में आई। 1975 में फिल्म 'शोले' में धर्मेन्द्र ने वीरु और हेमामालिनी ने चुलबुली बसंती की भूमिका निभा कर लोगों को दीवाना बना लिया। शादी बाद इस जोड़ी ने 'ड्रीम गर्ल', 'चरस', 'आसपास', 'प्रतिज्ञा', 'राजा जानी', 'रजिया सुल्तान', 'अली बाबा चालीस चोर', 'बगावत', 'आतंक', 'द बर्निंग ट्रेन' और 'दोस्त' जैसी कई हिट फिल्मों में एक साथ काम किया।

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9- हेमा मालिनी पर जब ये आरोप लगने लगे कि वह केवल ग्लैमर वाले किरदार ही निभा सकती हैं, तब उन्होंने 'खुशबू' 1975, 'किनारा' 1977, और 'मीरा' 1979 जैसी फिल्मों में अभिनय करके अपने शानदार प्रदर्शन से अपने आलोचकों का मुंह हमेशा के लिए बंद कर दिया।

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10- 1990 में हेमा मालिनी ने छोटे पर्दे की ओर रूख किया और धारावाहिक 'नुपूर' का निर्देशन भी किया। इसके बाद 1992 में शाहरूख खान को लेकर उन्होंने फिल्म 'दिल आशना है' का निर्माण और निर्देशन किया। 1995 में उन्होंने छोटे पर्दे के लिए 'मोहिनी' का निर्माण और निर्देशन किया।

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