सात साल की उम्र में जसप्रीत बुमराह के केमिकल व्यवसायी पिता का देहांत हो गया था और उनकी मां, जो एक स्कूल प्रिंसिपल हैं, अकेले उनको पाला और उनके सपने पूरे करने में उनकी मदद की।
14 साल की उम्र में बुमराह ने फैसला किया था कि वे क्रिकेटर बनेंगे।
2013_14 में अपने फर्स्ट क्लास डेब्यु मैच में ही विदर्भ के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने सात विकेट लिया और यही उनका टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।
जितने रन दो टीमें मिलकर बनाती है उतने रन की साझेदारी, ये हैं वनडे की 5 बड़ी पार्टनरशिप
आईपीएल टीम मुंबई इंडियन के कोच और भारतीय क्रिकेट टीम के फॉरमर कोच जॉन राइट ने उन्हें सैयद मुश्ताक अली ट्राफी में खेलते देखा और उनसे बेहद प्रभावित हुए।
बुमराह ने खुद कहा है कि श्रीलंका के मशहूर गेंदबाज लसिथ मलिंगा ने उन्हें बांउंसर और यॉर्कर गेंदों के सही समय पर इस्तेमाल के बारे में बताया। इससे पहले इन गेंदों की तकनीक जानने के बावजूद वे समझ नहीं पाते थे कि उन्हें कहां और कब इस्तेमाल करें। मलिंगा से सीखने की ललक में ही उन्होंने ऑफर मिलने पर भी मुंबई इंडियंस के अलावा कोई दूसरी आईपीएल टीम ज्वाइन नहीं की।
ऑस्ट्रलिया दौरे के समय टीम इंडिया के कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी ने बुमराह की डेथ ओवर में बॉलिंग टेक्नीक से प्रभावित होकर उन्हें श्रंखला की खोज का टाइटिल दिया। कल के मैच में जसप्रीत से साबित कर दिया की आज भी डेथ ओवर्स का विशेषज्ञ उनके अलावा कोई नहीं है।
क्रिकेटर नहीं पायलट बनना चाहते थे पुजारा, स्कूल में थे क्लास मॉनीटर
2014 में हुई नी सर्जरी ने बुमराह की रफ्तार को कुछ समय के रोका जरूर पर उन्हें कमजोर नहीं किया और वो मैदान पर पूरी ताकत के साथ वापस लौटे।
बुमराह के दोस्तों और परिवार का मानना है कि उनका शांत स्वभाव ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
टीम के साथी खिलाड़ी जसप्रीत को “JB” के नाम से बुलाते हैं।
रातों-रात स्टार बने केदार जाधव ने जानें क्यों साइलेंट पर लगाया अपना फोन
जसप्रीत बुमराह के फेवरेट एक्टर अमिताभ बच्चन हैं और फेवरेट फूड ढोकला।
Cricket News inextlive from Cricket News Desk
Cricket News inextlive from Cricket News Desk