क्या आप जानते हैं कि जब आप बेवफाई क्यों होती है इस बारे में बात करते हैं तो जो वजहें बयान की जाती हैं उसमें ज्यादातर सच से बिलकुल परे होती हैं। आइए आज जानते हैं कि क्या है वो वजहें जिनके सर बेवफा होने की जिम्मेदारी डाल कर हम सच से निगाह चुरा लेते हैं।
पुरूष होते हैं ज्यादा बेवफा
ये एक ऐसा ही झुठ है कि पुरुष ज्यादा धोखेबाज होते हैं। कहा तो ये भी जाता है कि मर्द ऐसा परिंदा है जो कभी किसी एक शाख पर देर तक नहीं टिकता हमेशा नए की खोज उसे बेचैन रखती है। ये बिलकुल भी सच नहीं है। पुरुष भी उतना ही समर्पित और कमिटटेड होता है जितनी की एक औरत हो सकती है और महिला भी उसी तरह बेवफाई कर सकती है जैसा किसी मर्द के बारे में सोचा जाता है। ये जेनेटिक या बायलॉजिकल प्राब्लम नहीं है जो मर्द और औरत में बांटी जाए। बेवफाई के कारण मनोवैज्ञानिक या सामाजिक हो सकते हैं लेकिन जेंडर से बंटे नहीं हो सकते। तो पुरुषों को कटघरे में खड़ा करना ठीक नहीं है।
बिना सेक्सुअल रिलेशन के साथी से अलग रिश्ता बेवफाई नहीं होता
ये भी एक मिथ है। बेवफाई तो बेवफाई ही है चाहे उसमें सेक्स इन्वॉल्व हो या ना हो। सच तो ये है कि भावात्मक घोखा शारीरिक संबंधों के चलते हुए धोखे से ज्यादा घातक होता है। क्योकि कोई भी एक पार्टनर दूसरे के साथ इमोशनल चीटिंग करता है तो वो सोच समझ कर और जान बूझ कर ऐसा करता है जबकि कई बार फिजिकल रिलेशन एक्सीडेंटली बन जाते हैं जिनका मकसद धोखा देना नहीं होता। "ये तो बस दोस्ती है" का नाम देकर चलाए जाते हैं जबरदस्त अफेयर और क्योंकि उसमें शारीरिक संबंध नहीं बन सके होते हैं तो आराम से बेवफाई जारी रहती है।
घर का खराब माहौल उकसाता है बेवफाई के लिए
जी नहीं बिलकुल नहीं कई सर्वे के बाद पता चला है कि बेवफाई के ज्यादातर मामलों धोखा देने वाले पार्टनर का घरेलू माहौल काफी शांत और हंसी खुशी से भरा था।
एक ऑन लाइन सर्वे में पता चला है की चीटिंग में इन्वॉल्व 55 प्रतिशत मर्द और करीब 35 प्रतिशत महिलाए सुखद और संतुष्ट लाइफ बिता रहे थे।रिश्ते में बेवफाई का कारण चाहे एक्साइटमेंट की तलाश हो, आदत हो या फिर अचानक किसी का ज्यादा पसंद आना रहा हो पर घर का खराब माहौल हो ये कोई जरूरी नहीं है।
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