सोमभद्रा नदी बहती
जी हां आज के दौर में लोग मुर्दों के कब्जे वाली जगह के बारे में कम ही यकीन करेंगे लेकिन गगरेट का प्राचीनतम द्रोण शिवबाडी जंगल इसका उदाहरण है। इस जंगह में मुर्दों का कब्जा है। जंगल की तीन दिशाओं में मरघट बने हैं। वहीं एक दिशा में सोमभद्रा नदी बह रही है। इसके बीचोंबीच द्रोण शिव मंदिर स्थित है। मंदिर से जंगल के बाहरी हिस्सों में बने मरघटों का फासला करीब सात-सात सौ मीटर का है।

भारत में एक जंगल जिस पर है सिर्फ मुर्दों का कब्‍जा

सिर्फ मुर्दे जलते

सबसे खास बात तो यह है कि लगभग पांच वर्ग किलोमीटर फैले इस जंगल के हर एक पेड़ की जमीन, जड़ और शाखा पर मुर्दों का राज है। यहां के पेड़ों की लकड़ी व पत्ते का कभी कोई इंसान इस्तेमाल नही कर सकता है। इनकी लकड़ियों से सिर्फ मुर्दे ही जलाए जा सकते हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यहां से कभी कोई अपने किसी पर्सनल काम के लिए लकड़ी नहीं ले जा सकता है। जब भी लोगों ने ले जाने का प्रयास किया उनके साथ अनहोनी हो गई।
भारत में एक जंगल जिस पर है सिर्फ मुर्दों का कब्‍जा

मौत भी हो चुकी
कई लोगों की इस कोशिश में मौत भी हो चुकी है। जिससे अब माना जाता है कि जिंदा आदमी के लिए इस जंगल की लकड़ी का इस्तेमाल किसी भी रूप में नहीं हो सकता है। इसे चूल्हे आदि में भी नहीं जलाया जा सकता है। इस जंगल को लेकर मान्यता है कि यहां पर द्वापर युग में द्रोण शिव मंदिर के प्रांगण में पांडव गुरू द्रोणाचार्य का रहते थे। वे यहां पर पांडवों को धनुर्विद्या सिखाया करते थे। आज भी इस मंदिर में शिवभक्त बड़ी संख्या में दर्शन करने आते हैं।

Weird News inextlive from Odd News Desk

 

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