लड़की का दिल न तोडऩा
अब इसी फिल्म को लें। कुमार शिव राम किशन दिल का नेक लड़का है, वह अपनी मां की दी सीख कभी किसी लड़की का दिल न तोडऩा और कभी किसी का घर नहीं तोडऩा पर अमल करते हुए तीन शादियां कर चुका है। तीनों शादियां गफलत और नैतिकता के दबाव में हुई हैं। अपने दोस्त और वकील करण की मदद से वह एक ही बिल्डिंग की चौथी, छठी और आठवीं मंजिलों पर तीनों बीवियों का परिवार चला रहा है। अब यह न पूछें कि कैसी एक ही बिल्डिंग में रहते हुए उनकी बीवियों को लंबे समय तक पता ही नहीं चलता कि उनका पति एक ही व्यक्ति है।
Kis Kisko Pyar Karoon
Director: Abbas Mustan
Cast: Kapil shrama,Arbaaz,Elli,Manjar,Simran,Sai Varun,
चेहरे पर केक की क्रीम लगी
हिंदी फिल्मों में मुंह पर केक की क्रीम लग जाए तो चेहरा थोड़े ही पहचान में आता है। आदित्य चोपडा ने बताया है न कि सिर्फ मूंछ लगाने से भी व्यक्ति की पहचान छिप जाती है। ऐसे तर्क और कारण खोजने लगेंगे तोकिस किस को प्यार करूं देखते हुए तकलीफ बढ़ जाएगी।किस किस को प्यार करूं के हीरो कपिल शर्मा हैं। कपिल शर्मा ने पिछले सालों में कॉमेडी नाइट्स विद कपिल से बड़ा नाम कमाया है। खास कर फिल्मी सितारों के संग उनकी ठिठोली काफी लोकप्रिय है। हिंदी फिल्मों के साभी नामी कलाकारों के वे प्रिय हैं। टीवी से पॉपुलर हुए हर कलाकार की ख्वाहिश रहती है कि उन्हें फिल्में मिलें।आज भी फिल्मों से मिली लोकप्रियता टिकाऊ होती है, जबकि टीवी शो बंद होते ही उसके कलाकार भुला दिए जाते हैं।
सिचुएशन वाली कॉमेडी
इस कोशिश में कपिल शर्मा को उनके स्वभाव और प्रतिभा के अनुकूल फिल्म मिली है। उन्होंने चेहरे पर निर्लिप्त भाव राते हुए दृश्यों और स्थितियों में अपने संवादों से हंसाया है। अभिनय तो अभी कपिल शर्मा से कोसों दूर है। इसके लिए उन्हें चेहरे पर भाव लाने होंगे और बगैर संवादों के भी अभिव्यक्ति देनी होगी।अब्बास-मस्तान ने पहली बार कॉमेडी में हाथ आजमाया है। उनके पास देश के उम्दा और मशहूर कॉमेडियन कपिल शर्मा हैं। वे उनका सही इस्तेमाल करते हैं। फिल्म देखते हुए तीन-तीन बीवियों की वजह से चल रहे भ्रम और उन्हें संभालने में कुमार शिव राम किशन की परेशानी से हंसी तो आती है, लेकिन वह सिटकॉम (सिचुएशन वाली कॉमेडी) की खूबी है।
टाइमिंग और संवाद अदायगी
वहीं कलाकारों का योगदान टाइमिंग और संवाद अदायगी तक सीमित रहता है। कपिल शर्मा और उनकी बीवियां बनीं मंजरी फड़णीस, सिमरन कौर मुंडी, साई लोकुर ने भरपूर योगदान किया है। फिल्म की नायिका और कुमार की प्रेमिका बनी एली अवराम बाकी अभिनेत्रियों से कमतर नजर आती हैं। इस फिल्म में नायक के सहयोगी बने करण यानी वरुण शर्मा का प्रयास सराहनीय है। उन्होंने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है और फिल्म के सूत्रधार के रूप में जरूरी दृश्यों में आते रहे हैं। पिता शरद सक्सेना और मां सुप्रिया पाठक भी अपने हिस्सों में प्रभावशाली हैं। बाई बनी जेमी लीवर अपनी भूमिका निभा ले जाती हैं।
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Review by: Ajay Brahmatmaj
abrahmatmaj@mbi.jagran.com
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