ट्विटर पर फसी किरण बेदी

वर्षों तक इंदिरा गांधी की कार का चालान करने के लिए वाहवाही लूटने वाली पूर्व महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को आखिरकार अपने भूतकाल से दो-चार होना पड़ रहा है. गौरतलब है कि बीजेपी ने 'आप' प्रमुख अरविंद केजरीवाल के टक्कर में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए किरण बेदी को अपना उम्मीदवार बनाया है. लेकिन किरण बेदी द्वारा एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू के बाद से ट्विटर पर झूठ बोलने के आरोपों से दो चार होना पड़ रहा है.

आखिर क्या है मामला

पूर्व महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को एक लंबे समय से इंदिरा गांधी की कार का चालान करने के लिए सम्मान दिया जाता रहा है. लेकिन एक टीवी इंटरव्यू में किरण बेदी ने स्वयं इस बात को स्वीकार किया कि इंदिरा गांधी की कार का चालान करने का काम उन्होंने नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर निर्मल सिंह ने उठाई थी. यह निर्मल सिंह बाद में दिल्ली पुलिस ट्रैफिक के असिसटेंट कमिश्नर के पद से रिटायर हुए. इसके साथ ही किरण बेदी ने बताया कि उस कार में इंदिरा गांधी मौजूद नहीं थीं और ना ही वह कार उनके कॉनवॉय से संबंधित थी. हालांकि उन्होंने कहा कि वह कार प्रधानमंत्री कार्यालय से संबंधित थी.

फिर झूठ क्यों बोला किरण बेदी ने

इस मामले में सबसे गंभीर बात यह है कि किरण बेदी ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर दो साल पहले इंदिरा गांधी की कार उठाने का जिक्र किया था. इसके एक साल बाद किरण बेदी ने अपना ट्विटर प्रोफाइल को चेंज किया. लेकिन इंदिरा गांधी की कार उठाने वाली बात किरण बेदी ने सिर्फ 11 महीनें पहले हटाया था. ऐसे में ट्विटर यूजर्स सवाल उठा रहे हैं कि आखिर किरण बेदी ने यह झूठ क्यों बोला कि उन्होंने इंदिरा गांधी की कार को हटाने का कारनामा किया था.

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