कितने प्रकार के होते हैं वायरस

सबसे पहले हमें यह पता होना चाहिये कि, यह बीमारी किस वायरस के जरिये फैली है. अगर वायरस की पहचान हो जाती है, तो उसका इलाज भी काफी आसान हो जाता है. आमतौर पर वायरस तीन प्रकार के होते हैं- A, B और C. वहीं इन तीनों में सबसे खतरनाक A माना जाता है. यह वायरस इंसानों और जानवारों दोनों के जरिये फैल सकता है. इसीलिये बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू को हम टाइप A वायरस के अंतर्गत रखते हैं. इसके अलावा स्वाइन फ्लू वायरस की पहचान H1N1 से की जाती है, जबकि बर्ड फ्लू की पहचान H5N1 से होती है. यह वायरस काफी खतरनाक होते हैं जिनसे इंसान या जानवर की जान भी जा सकती है. वहीं टाइप B वायरस सिर्फ इंसानों में पाया जाता है, जिसमें ज्यादा खतरा नहीं होता है. हालांकि इस वायरस के सब टाइप का पता न चलने पर यह कभी-कभी काफी घातक साबित हो जाता है. तीसरा टाइप होता है C, जिसमें इंसान ज्यादा बीमार नहीं पड़ता है. यह नॉर्मली इलाज से सही हो जाता है.

क्या-क्या होते हैं लक्षण

जब कोई वायरस इंसान के शरीर पर अटैक करता है, तो उसके सिंप्टम्स दिखने लगते हैं. इसमें सबसे पहले मरीज को तेज बुखार चढ़ता है, जोकि 100 से ऊपर होता है. वहीं गले में कफ बनना शुरु हो जाता है, जिसके चलते खराश हो जाती है. इसके अलावा पूरा शरीर दर्द करने लगता है और अकड़न सी महसूस होती है. इसके साथ ही काफी थकान भी हो जाती है. नाक बहना और सिर दर्द भी इसके मुख्य लक्षण हैं. इसके अलावा कभी-कभी मरीज को उल्टियां भी होने लगती हैं.

जानें कैसे करें बचाव

आपके घर में अगर कोई सदस्य इस तरह के किसी वायरस से संक्रमित है, तो सबसे पहले उसका कमरा अलग कर दीजिये. यह वायरस हवा के जरिये एक-दूसरे में बहुत जल्दी फैल जाते हैं. इसके साथ ही मरीज से बात करते समय अपने नाम और मुंह को ढककर रखें. वहीं मरीज के साथ किस करना, हाथ मिलाना आदि से दूर रहें. इसके अलावा मरीज को भी कुछ सावधानी रखनी चाहिये. वायरस से संक्रमित व्यक्ति को इधर-उधर नहीं थूकना चाहिये. इसके अलावा तेज बुखार होने पर सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखें, वहीं गले में खराश होने पर ठंडी चीजें खाने से एवॉयड करें. अगर आपकी नाक ज्यादा बह रही है, तो उसके लिये अपने पास कोई कपड़ा रखें जिसे समय-समय पर बदलते रहें. वहीं अगर मरीज को ज्यादा उल्टियां आ रही हैं, तो ओआरएस का घोल पिलायें. हालांकि इन सभी सावधानियों को ध्यान में रखते हुये डॉक्टर की परामर्श जरूर लें. वहीं खाने-पीने की चीजों में भी सावधानी रखनी चाहिये. अब अगर यह स्वाइन फ्लू या बर्ड फ्लू है, तो आपको मांस खाने से पहले उसे अच्छी तरह से पका लेना चाहिये.

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