इस्लामाबाद (एएनआई)। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कमांडर कारी सैफुल्ला महसूद की अफगानिस्तान में बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। संगठन ने रविवार को इस बात की पुष्टि की है। समूह के प्रवक्ता ने एक ऑडियो संदेश में कहा, वह खोस्त प्रांत में गुलून शिविर के बाहर मारा गया है। प्रवक्ता ने दावा किया कि यह हमला हक्कानी नेटवर्क द्वारा किया गया है, चूंकि उन्होंने कुछ दिन पहले इलाके में टीटीपी के हकीमुल्ला महसूद समूह से जुड़े तीन आतंकवादियों को मार गिराया था। टीटीपी की स्थापना 2007 में बैतुल्ला महसूद द्वारा की गई थी और वर्तमान में इसे चार गुटों में विभाजित किया गया है - स्वात समूह, मेहसूद समूह, बाजौर एजेंसी समूह और डेरा एडमखेल समूह।
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पाकिस्तान में वांटेड था महसूद
कारी सैफुल्ला महसूद पाकिस्तान में वांटेड था, उसने देश में कई हमलों को अंजाम दिया था। एक ऑडियो संदेश में, महसूद ने दावा किया था कि उसके समूह ने इस साल 75 आतंकी हमले किए, जिनमें ज्यादातर खैबर पख्तूनख्वा के उत्तर और दक्षिण वजीरिस्तान जिलों में स्थानीय बुजुर्गों को लक्षित किया गया था। हालांकि, अधिकारियों द्वारा इस दावे का सत्यापन और पुष्टि नहीं की गई है। विश्लेषकों ने कहा कि महसूद की मृत्यु टीटीपी के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि वह चारों गुटों को एकजुट करने का प्रयास कर रहा था। पेशावर के एक पत्रकार सबौर खट्टक ने कहा, 'टीटीपी पहले ही कई समूहों में विभाजित हो चुका है और मेहसूद उन्हें यूनिट करने की कोशिश कर रहा है। दूसरा, वह सबसे सक्रिय आतंकवादी था और कई आतंकी हमलों के लिए पाकिस्तान में वांटेड था।' महसूद ने कराची में 2015 बस हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 45 लोग मारे गए थे।
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