कीनिया के डेली नेशन समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक़ 16 वर्षीय लड़की पर उस वक़्त हमला किया गया जब वह पश्चिमी कीनिया के एक गांव से अपने दादा का अंतिम संस्कार कर लौट रही थी.

हमले के दौरान लड़की की रीड़ की हड्डी टूट गई और अब वह व्हीलचेयर के सहारे चल रही हैं.

कीनिया के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सांसदों ने लड़की की शिकायत की जांच करने में नाकाम रहने पर पुलिस की निंदा की है.

पीड़िता का बयान

लड़की ने बयान दिया, ''मैं चाहती हूँ कि मेरे हमलावरों को पकड़ा जाए और उन्हें सज़ा दी जाए. मैं न्याय होते देखना चाहती हूँ.''

महिलाओं के ख़िलाफ़ होने वाली हिंसा के विरोध में काम करने वाले संगठन की कार्यकारी निदेशक सईदा अली ने बीबीसी से कहा, ''हर कोई इस बात से नाराज़ है. और कुछ न कुछ कहना चाहता है. ''

डेली नेशन की ख़बर के अनुसार बुसिया काउंटी (जहाँ हमले को अंजाम दिया गया था) के पुलिस कमांडर हलीम मोहम्मद ने कहा है, ''पुलिस लड़की की शिकायत को देखने वाले अधिकारियों के आचरण की जांच कर कही है.''

राजधानी नैरोबी में बीबीसी के डेविड ऑकवेम्ब का कहना है कि वेस्टगेट शॉपिंग सेंटर पर हुए हमले के बाद, पुलिस द्वारा इस घटना पर कार्रवाई में विफलता पुलिस की लगातार बिगड़ती स्थिति का एक और उदाहरण है.

शर्मनाक

"मैं चाहती हूँ कि मेरे हमलावरों को पकड़ा जाये और उन्हें सजा दी जाये. मैं न्याय होते देखना चाहती हूँ."

-पीड़िता

पीड़ित लड़की कथित हमलावरों में से कुछ को जानती थी, और पुलिस ने उनमें से तीन के ख़िलाफ़ सिर्फ़ उत्पीड़न का मामला दर्ज किया.

हमले की ख़बर सुनने के बाद गांव वालों ने तीनों अभियुक्तों को पुलिस के हवाले कर दिया.

लड़की की माँ का कहना था, '' पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को पुलिस कैम्प के आसपास घास काटने का आदेश दिया और थोड़ी देर बाद ही उन्हें रिहा कर दिया गया.''

लड़की की हालत पर बुधवार को कीनियाई संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति द्वारा चर्चा की गई.

समिति की चेयरपर्सन आसमां किमामा ने कहा, ''यह बहुत शर्मनाक और अविश्वसनीय घटना है. हम मामले की तह तक जाना चाहते हैं.''

पुलिस कमांडर मोहम्मद हलीम ने बताया कि पुलिस ने कथित रेप के आरोपों के बाद लड़की की माँ को उन सारे फ़ॉरेंसिक सबूतों का नष्ट करने का आदेश दिया था जिन्हें संदिग्धों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया जा सकता था.

अभियान

नेशन मीडिया ग्रुप ने पीड़ित लड़की के इलाज का पूरा ख़र्च उठाने की पेशकश की है और लड़की को न्याय दिलाने के लिए अभियुक्तों के ख़िलाफ़ अभियान शुरु कर दिया है.

मीडिया ग्रुप के मार्केटिंग निदेशक ने कहा, ''लड़की को सिर्फ़ क्रूरता का सामना ही नहीं करना पड़ा बल्कि इस घटना ने उसकी पूरी ज़िन्दगी ही बदल दी, यहाँ तक की उसे न्याय देने से भी मना कर दिया गया. ''

अख़बार के पाठकों और बीबीसी ने हमले के तुरन्त बाद इस घटना को जघन्य बताते हुए, अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उन्हें सज़ा देने में नाकाम रहने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की.

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