उन्होंने बताया कि दिल्ली की तीनों बिजली कंपनियों का सीएजी से ऑडिट कराया जाएगा.
केजरीवाल ने बुधवार शाम मीडिया से बातचीत में कहा है, ''कई जगह लोग फ़्लाई ओवर के नीचे सो रहे हैं और कई ऐसी जगहों पर सो रहे हैं, जहाँ से वे हटना नहीं चाहते, तो तय हुआ कि वहीं पर रैन बसेरे बनाए जाएँगे.''
उन्होंने कहा कि एसडीएम अपने-अपने इलाक़े में घूमकर देखें कि उनके यहाँ रैन बसेरे ठीक से चल रहे हैं या नहीं.
उनके मुताबिक़, ''ऐसी जगहें जहाँ लोग झुंडों में सो रहे हैं, जिससे वहाँ हम रैन बसेरे बना सकें. यह चार तारीख़ तक होना है.''
केजरीवाल ने मीडिया को बताया कि एक एनजीओ आश्रय अधिकार अभियान के लोग उनसे मिले थे जिन्होंने 45 ऐसी जगहें बताईं, जहाँ लोग खुले में सो रहे थे. उन्होंने बताया कि बुधवार रात आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और उस ग़ैरसरकारी संगठनों के लोग उन जगहों पर जाकर देखेंगे और एक सूची सरकार को देंगे, जहाँ अस्थायी रैन बसेरे बनाने की ज़रूरत है.
उन्होंने जानकारी दी कि दिल्ली के सभी विधायकों को चिट्ठी लिखी जा रही है कि वे अपने इलाक़े से रैन बसेरों की सूची दें, जहाँ जाकर देखें कि वे सही काम कर रहे हैं या नहीं.
बिजली कंपनियों का ऑडिट
मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों के ऑडिट को लेकर उन्हें उनके जवाब मिले हैं पर उनमें ऐसा कोई कारण नहीं है कि ऑडिट न कराया जाए. उच्च न्यायालय ने रोक तो लगाई नहीं.
उनका कहना था कि बिजली विभाग ने उनका जवाब देखा है और कोई कारण नहीं है कि ऑडिट क्यों नहीं होना चाहिए.
उनके मुताबिक़ सीएजी साहब ने कहा था कि अभी समय नहीं बता सकते, हमने निवेदन किया था कि तीन महीने में हो जाए तो अच्छा है. उन्होंने कहा था कि एक बार शुरू हो जाए, तब बता सकेंगे.
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