ये मामला आम चुनाव से पहले का है जब केजरीवाल ने कुछ नेताओं को भ्रष्ट बताया था जिनमें गडकरी का नाम भी शामिल था. इसी के बाद गडकरी ने केजरीवाल के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराया था.

इस मामले में शुक्रवार को दिल्ली की अदालत ने केजरीवाल पर आरोप तय कर दिए हैं. हालांकि अदालत ने उन्हें कोर्ट में पेश न होने की छूट दी है.

धारा 500 के तहत एक साल तक की सज़ा जो अधिकतम दो साल भी हो सकती है या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.

मामले की सुनवाई दो अगस्त से शुरू होगी.

अपने रुख़ पर कायम केजरीवाल

धारा 500 के अंतर्गत दो साल के सामान्य कारावास का प्रावधान है.

आरोप तय करने से पहले अदालत ने भाजपा नेता नितिन गडकरी और आप नेता अरविंद केजरीवाल से कहा था कि आपसी बातचीत से मामले को सुलझा लें.

कोर्ट के अंदर जज ने दोनों नेताओं से कहा कि समाज में दोनों ही नेताओं की अच्छी पहचान है इसलिए इन्हें मामले को आपस में सुलझाकर समाज के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए.

यहां तक कि जज ने दोनों नेताओं से ये भी कहा कि वे अपना समय अच्छे काम करने में लगाएं.

हालांकि आप नेता केजरीवाल ने इस मामले को छोडने से इंकार कर दिया.

फिलहाल संसद के सत्र के चलने की वजह से अदालत ने नितिन गडकरी को कोर्ट की कार्यवाही से छूट दे दी है.

International News inextlive from World News Desk