कहानी : यूं समझ लीजिए, ये केदारनाथ बेस्ड टाइटैनिक मूवी है।

रेटिंग : 3.5 STAR और सारा अली खान को पंडित का आशीर्वाद

समीक्षा : प्यार से तो दुनिया का पुराना बैर है, वही इस फिल्म की मेन थीम है।

केदारनाथ review: कमजोर कहानी पर भारी सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत की अदाकारी

पहले बात करते हैं उन बातों की जो काबिल ए तारीफ हैं, फिल्म की ऑन लोकेशन सिनेमाटोग्राफी बहुत ही अच्छी है, केदारनाथ के स्वीपिंग ड्रोन शॉट्स आपका मन मोह लेंगे। घोड़ों की लीद भी साफ की गई है रास्ते पे शूट करने के लिए। फिल्म में लवस्टोरी का बिल्डअप भी काबिल ए तारीफ है। लवस्टोरी बड़ी क्लीशे ही सही पर केदारनाथ के बैकड्राप में बड़ी स्वीट लगती है। फिल्म का म्यूजिक (स्वीटहार्ट छोड़ के) सब बड़ा अच्छा है। गाने (स्वीटहार्ट छोड़ के) फोर्स्ड नहीं लगते. फिल्म के लास्ट के 30 मिनट जो कि केदारनाथ फ्लड पे बेस्ड हैं वो काफी बढ़िया बन पड़े हैं। डायलॉग बड़े नेचुरल हैं।

क्या क्या है कमी :
क्लीशेड कहानी और ढेर सारे सब्प्लॉट जो अंत मे इंरेलेवेंट हो जाते हैं, फिल्म का फर्स्ट हाफ अगर लवस्टोरी और सेकंड अगर ट्रेजेडी पर बेस्ड होता तो फिल्म ज़्यादा क्रिस्प होती। फिल्म की एक बड़ी समस्या है इसके बेहद नकली दिखने वाले सेट, आपको पता चल ही जाता है कि सेट कौन सा है और रियल लोकेशन कौन सी। वीएफएक्स सेट से भी ज़्यादा फर्ज़ी हैं, जैसे केदारनाथ के बाबा जी की बूटी फूंक के स्पेशल इफेक्ट दिए गए हों।

केदारनाथ review: कमजोर कहानी पर भारी सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत की अदाकारी

अदाकारी :
साराअली खान में बहुत पोटेंशियल है, वो फुल तैयारी के साथ आई हैं और निर्देशक अभिषेक कपूर ने उन्हें इमोशन्स को एक्सप्रेस करने का खूब मौका दिया है। अगर सारा ने दो एक अच्छी फिल्म कर लीं तो कह सकते हैं कि सारा किसी भी एक्ट्रेस को टक्कर दे सकती है। अमृता सिंह की स्ट्रांग छवि उनमे भी दिखती है और कहना गलत नहीं होगा कि अगर वो मेहनत करती रहीं तो वो आलिया की तरह जल्दी ही एस्टेब्लिश हो जाएंगी। सारा के एफर्ट को फुल मार्क्स। सुशांत अपने रोल में रचबस जाते हैं और ये उनके अच्छे परफॉर्मेन्स में से एक हैं। स्टड टाइप रोल में कुछ खास न कर पाने के बाद, क्रीपी विलेन के तौर पर निशांत दहिया काफी बेहतर परफॉर्म करते हैं, बेहतर फिल्म चुनी जाए तो वो भी एस्टेब्लिश हो सकते हैं। नीतीश भारद्वाज समेत सारी कास्ट अच्छी है।

 

वर्डिक्ट:
अगर इसे एक लवस्टोरी की तरह देखा जाए तो केदारनाथ इस साल जाह्नवी कपूर की डेब्यू फिल्म धड़क से कहीं बेहतर है। फिल्म धर्म और प्रेम के बारे में जो भी कहना चाहती है वो अंडरटोन में कहती जरूर है। इस फिल्म को सारा अली खान और सुशांत के बढ़िया परफॉर्मेन्स के लिए जरूर देखें। गरीबों की टाईटेनिक, मेरा मतलब है 'केदारनाथ'

P.S : ये फिल्म लव जिहाद प्रोमोट नहीं करती, हर धर्म के आशिक की तरह हीरो बहुत मार खाता है, उसको देख के कोई न लव करेगा न जिहाद।

Review by : Yohaann Bhaargava
Twitter : @yohaannn

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