कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। कौन बनेगा करोड़पति 12 की शुरुआत सोमवार से हो रही है। इस शो की जान इसके होस्ट अमिताभ बच्चन हैं। बिग बी जिस अंदाज में 'कंम्यूटर महाशय' और 'कोटी की चोटी' जैसे शब्द बोलते हैं। वह दर्शकों को काफी पसंद आते हैं। हालांकि ये शब्द बिग बी के लिखे नहीं हैं। इसके पीछे स्कि्प्ट राइटर काम करते हैं। केबीसी के पहले सीजन से अब तक अमिताभ को ऐसे ही शब्दों से रुबरु करवा चुके हैं लेखक आरडी तैलंग। आइए जानें कौन हैं ये और कैसे पहुंचे केबीसी तक।
मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं आरडी तैलंग
साल 2000 में जब केबीसी की शुरुआत हुई तो किसी ने नहीं सोचा था कि यह गेम शो इतना हिट हो जाएगा। शो निर्माताओं ने इसके लिए नए स्कि्रप्ट राइटर ढूंढे। उनमें से एक आरडी तैलंग हैं। तैलंग ने कुछ सालों पहले अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट टेलिचक्कर को दिए इंटरव्यू में अपने जीवन की यात्रा के बारे में बताया था। मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ में जन्में और पले-बढ़े तैलंग को बचपन से कार्टून बनाने और लिखने का शौक था। पढ़ाई पूरी करने के बाद इस शौक को प्रोफेशन में बदलने तैलंग मुंबई आए। यह शहर उन्हें काफी खूबसूरत लगा। इसके बाद वह यहां एक रिश्तेदार के यहां रहने लगे, ताकि शहर को और नजदीक से जान सके।
अखबार के दफ्तर में किया काम
इधर-उधर चक्कर काटते एक दिन तैलंग अपने बनाए कार्टून लेकर अखबार के दफ्तर पहुंचे। इस अखबार का नाम 'दो बजे दोपहर' था। वहां तैलंग का कार्टून सभी को पसंद आया और उन्हें काम पर रख लिया। तैलंग ने इस प्रकाशन के साथ करीब तीन साल तक काम किया। वहां उनकी बतौर कार्टूनिस्ट और जर्नलिस्ट नई पारी की शुरुआत हुई। उन्होंने कई लोगों का इंटरव्यू लिया, जिसके बाद फिल्म इंडस्ट्री में उनकी जान-पहचान बन गई।
ऐसा रखा टीवी की दुनिया में कदम
जिस वक्त तैलंग पत्रकारिता कर रहे थे, उस वक्त टीवी तेजी से बढ़ रहा था। यह हर किसी के लिए कुछ नया था। बस तैलंग ने इसका फायदा उठाया और एक प्रोडक्शन हाउस ज्वाॅइन कर लिया, जो अमित खन्ना और महेश भट्ट द्वारा संयुक्त रूप से चलाया गया था और उन्होंने डीडी के लिए बहुत सारे शो किए। इसके बाद तैलंग एक गैर-फिक्शन शो मिर्च मसाला के लिए एक लेखक के रूप में उनकी टीम में शामिल हुए। वहां उन्होंने असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में भी काम किया। यहां काम करते-करते तैलंग को फ्रीलांसिक राइटिंग का कीड़ा काटा। काफी संघर्ष के बाद तैंलग को 'स्टार यार कलाकार' शो में स्क्रिप्ट राइटिंग का काम मिला जिसे फरीदा जलाल एंकरिंग कर रही थी। यह शो काफी हिट रहा। पहले हिट शो के बाद तैलंग को मूवर्स एंड शेकर्स पर काम करने को मिला। सौभाग्य से यह एक सुपर हिट शो बन गया।
केबीसी में कैसे मिली इंट्री
साल 2000 में केबीसी निर्माताअों ने जब गेम शो बनाने के बारे में सोचा, तब उन्हें कुछ उभरते और होनहार लेखकों की जरूरत थी। पहले सीजन के लिए तैलंग सहित कई राइटर्स को बुलाया गया। तब उन सभी लेखकों को अमिताभ बच्चन के लिए कुछ लाइनें लिखने को कही गई। अब इसे किस्मत ही कहेंगे कि जितने लोग इंटरव्यू पर आए थे उसमें तैलंग की लिखी लाइनें ही अमिताभ बच्चन को पसंद आई। इसी के साथ केबीसी के साथ तैलंग का सफर शुरु हो गया, जो आज तक जारी है।
यूनिक नाम देकर आए चर्चा में
केबीसी शो से जुड़ने के बाद तैलंग ने अमिताभ बच्चन की पर्सनैलिटी और उनकी शुद्ध हिंदी को ध्यान में रखते हुए स्क्रिप्ट लिखी। यही वजह है कि शो में तैलंग ने कई टेक्निकल चीजों को यूनिक नाम दिया और उसे दिलचस्प बनाया। इन्हीं में से एक 'कंप्यूटर महाशय', 'घड़ियाल बाबू', 'श्रीमति टिकटिकी' जैसे नाम चर्चा में आए। हालांकि इस बार समय को 'मिस चलपड़ी' नाम दिया गया है। ये नाम तैलंग के दिमाग से ही निकले हैं।