(1) याकूब मेमन :- देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 22 साल पहले हुए बम धमाके में याकूब मेमन का हाथ था। कोर्ट ने सभी सबूतों को ध्यान में रखते हुए उसे फांसी की सजा दी। और आज 30 जुलाई 2015 को नागपुर जेल में मेमन को सुबह 7 बजे फांसी के फंदे पर लटका दिया गया।
(2) अफजल गुरु :- 2001 में संसद भवन पर हुए हमले को दोषी अफजल गुरु एक कश्मीरी था। उसके खिलाफ संसद पर हमला करने की प्लॉनिंग बनाने से लेकर एक्जीक्यूशन तक का दोष साबित हुआ। इस हमले में 9 लोग मारे गए थे। जिसमें कि 8 सिक्योरिटी गॉर्ड और एक माली शामिल था। अफजल को 9 फरवरी 2013 को नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई।
(3) अजमल कसाब :- पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकी अजमल कसाब 2008 में मुंबई अटैक का दोषी पाया गया था। कसाब अपने अन्य 9 साथियों के साथ छपत्रति शिवाजी टर्मिनल में जाकर अंधाधुंध फायरिंग करता रहा। हालांकि इस दौरान वह अन्य जगहों पर जाकर भी धमाके करता रहा। इसमें कुल 150 लोगों की जानें गईं थी जबकि 600 लोग घायल हुए। वैसे इसमें सभी आतंकियों को मौके पर ही मार गिराया गया था लेकिन कसाब को जिंदा पकड़ा गया। इसके बाद 21 नवंबर 2012 को महाराष्ट्र में पुणे की यरवदा जेल में उसे फांसी पर चढ़ा दिया गया।
(4) धनंजय चटर्जी :- कोलकाता के एक अपार्टमेंट में सिक्योरिटी गॉर्ड की नौकरी करने वाला धनंजय 18 साल की लड़की के साथ रेप और मर्डर करने का दोषी पाया गया। हालांकि यह घटना 1990 की थी, जिसके 14 साल बाद 2004 को कोलकाता की अलीपोर जेल में उसे फांसी दे दी गई।
(5) ऑटो शंकर :- चेन्नई में ऑटो रिक्शा चलाने वाला शंकर 6 हत्याओं का दोषी पाया गया था। साल 1987-88 के बीच शंकर ने इन 6 लोगों को घर में जलाकर मार डाला था। इसके बाद 27 अप्रैल 1995 को तमिलनाडु की सलीम सेंट्रल जेल में उसे फांसी पर लटका दिया गया।
(6) हरजिंदर सिंह जिंदा और सुखदेव सिंह सुखा :- 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लूस्टार का बदला इन दोनों ने लिया था। इन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान आर्मी चीफ रहे अरुण वैद्य की हत्या कर दी थी। इसके अलावा 1985 में कांग्रेज लीडर ललित माकन और अर्जन दास की हत्या का भी दोषी पाया गया। इसके बाद 9 अक्टूबर 1992 को पुणे की यरवदा जेल में उसे फांसी दे दी गई।
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