कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा, जिसे त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, आठवें हिंदू चंद्र महीने कार्तिक की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस उत्सव की शुरुआत पांच दिन पहले प्रबोधिनी एकादशी (देवुथान्ना एकादशी) से होती है। यह पांच दिवसीय उत्सव कार्तिक पूर्णिमा पर समाप्त होता है, जो विभिन्न अनुष्ठानों और त्योहारों को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दौरान भक्त भगवान विष्णु, भगवान शिव और तुलसी देवी की पूजा करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव आध्यात्मिक विकास और नवीनीकरण का प्रतीक है। हालांकि इस बार कार्तिक पूर्णिमा मनाए जाने को लेकर भ्रम की स्थिति है। ऐसे में ज्योतिर्विद् डॉ. त्रिलोकीनाथ के मुताबिक इस साल कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर 2024 को सुबह 06:19 बजे शुरू होगी और 16 नवंबर 2024 को सुबह 02:58 बजे समाप्त होगी।
कार्तिक पूर्णिमा पर किए जाते हैं ये अनुष्ठान
कार्तिक पूर्णिमा अनुष्ठान हिंदू परंपरा में बहुत महत्व रखते हैं। भक्त प्रबोधिनी एकादशी से उत्सव शुरू करते हैं, जो कार्तिक पूर्णिमा पर समाप्त होता है। मुख्य अनुष्ठानों में पवित्र नदियों में स्नान शामिल है, इसके बाद दान और भगवान विष्णु, भगवान शिव और तुलसी देवी की पूजा की जाती है। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है, इससे मन और आत्मा की शुद्धि होती है। भक्तगण गंगा, यमुना या गोदावरी जैसी नदियों में पवित्र डुबकी लगाते हैं, जो आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि यह अनुष्ठान पापों को धोता है।
कार्तिक पूर्णिमा पर दान करना है महत्वपूर्ण
कार्तिक पूर्णिमा पर दान करना भी महत्वपूर्ण है। भक्त जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यक चीजें देते हैं, जिससे आध्यात्मिक पुण्य मिलता है। आम दान की वस्तुओं में चावल, दाल, सब्जियां और कंबल शामिल हैं। स्नान और दान करके, भक्त समृद्धि, खुशी और आध्यात्मिक विकास के लिए भगवान विष्णु का आशीर्वाद मांगते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के अनुष्ठान आत्म-प्रतिबिंब, कृतज्ञता और करुणा को बढ़ावा देते हैं, जो दया और उदारता के महत्व को मजबूत करते हैं।
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