कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। कर्नाटक में अभी नए सीएम को लेकर अभी संशय की स्थिति है। कर्नाटक राज्य का गठन 25 अक्टूबर, 1947 को हुआ था और 1973 में इसका नाम कर्नाटक रखा गया था। पहले इसका नाम मैसूर था। यहां पर मुख्यमंत्री के शासनकाल का इतिहास बड़ा रोचक है। जागरण डाॅट काॅम की एक पोस्ट के मुताबिक सिद्धारमैया को छोड़कर पिछले 40 वर्षों में कर्नाटक में कोई मुख्यमंत्री नहीं है, जिसने राज्य के प्रमुख के रूप में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया हो। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने 13 मई, 2013 से 15 मई, 2018 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता सिद्धारमैया ने 11 मई 2013 को कर्नाटक राज्य के 22वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 64 वर्षीय सिद्धारमैया को श्री कांतिरवा स्टेडियम में राज्यपाल एचआर भारद्वाज ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गयी थी।
कर्नाटक बनने से पहले सीएम का कार्यकाल
सिद्धारमैया से पहले एस निजलिंगप्पा ने पहली बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया। उन्होंने 21 जून, 1962 से 29 मई, 1968 तक राज्य की सेवा की। इसके बाद कांग्रेस के डी देवराज उर्स ने मुख्यमंत्री के रूप में अपना पूरा कार्यकाल पूरा किया। उन्होंने 1972 से 1977 तक अपना पूरा कार्यकाल पूरा किया। डी देवराज उर्स को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के रूप में भी चुना गया था लेकिन वह अपना कार्यकाल पूरा करने में असफल रहे।
एक से अधिक बार कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री
एस निजलिंगप्पा 1956 से 1958 और 1962 से 1968 तक दो बार राज्य के सीएम रह चुके हैं। उनके अलावा डी देवराज उर्स, वीरेंद्र पाटिल और एच डी कुमारस्वामी दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बी एस येदियुरप्पा ने चार बार राज्य की सेवा की है। वे अपने एक कार्यकाल में सबसे कम दिनों तक राज्य की सेवा करने वाले मुख्यमंत्री भी रहे हैं। देवराज उर्स ने सबसे अधिक दिनों तक राज्य की सेवा की है। वे 20 मार्च 1972 से जनवरी 1980 तक दो अलग-अलग चुनावों में मुख्यमंत्री के रूप में सात वर्ष पूरे करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
आजादी के बाद यहां अब तक 23 सीएम रहे
राज्य में अब तक 23 मुख्यमंत्री हो चुके हैं। पहले मुख्यमंत्री के चेंगलराय रेड्डी थे, जिनका कार्यकाल 25 अक्टूबर, 1947 को शुरू हुआ और 30 मार्च, 1952 को समाप्त हुआ। उस समय राज्य को मैसूर के नाम से जाना जाता था। इसका गठन 25 अक्टूबर, 1947 को हुआ था और 1973 में इसका नाम कर्नाटक रखा गया था। राज्य में अब तक छह बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है। पहली बार राष्ट्रपति शासन 19 मार्च, 1971 को लगाया गया था और आखिरी बार यह 20 नवंबर, 2007 को लागू हुआ था।
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