मुंबई (मिड-डे)। Kareena Kapoor को यकीन नहीं होता कि पहली बार रिफ्यूजी (2000) के लिए कैमरा फेस किए हुए उन्हें दो दशकों का वक्त हो गया है। वह कहती हैं, 'पिछले 20 साल बहुत जल्दी निकल गए।' उनका करियर ग्राफ ऐसा रहा है जिसे देखकर किसी को भी जलन हो जाए क्योंकि यह लाजवाब साबित हुआ है। इस दौरान उन्होंने कई ब्लॉकबस्टर मूवीज दी हैं, बहुत से अवॉर्ड्स अपने नाम किए हैं और 39 साल की करीना बॉलीवुड की सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाली एक्ट्रेस साबित हुई हैं।
बीते सालों में खुद का 'रीइनवेंट' करती रही हैं
जब उनके सामने यह कहा गया कि वह एक ऐसी इंडस्ट्री में मजबूती से खड़ी रही हैं जहां हीरोइन्स को शादी के बाद भुला दिया जाता है, तो वह कहती हैं, 'मैं इंडस्ट्री के डायनेमिक्स से अच्छी तरह वाकिफ हूं और खुद को रीइनवेंट भी करती रही हूं। जिन लोगों में सही फैसले करने की काबिलियत नहीं होती वे इस प्रेशर को बर्दाश्त नहीं कर सकते। यहां लोग लगातार आपके ईगो को बूस्ट करते रहते हैं। इंस्टाग्राम पर 40 मिलियन फॉलोवर्स होना और चारों ओर से मिलने वाली तारीफें आपके आस-पास एक नकली धुंध क्रिएट कर सकते हैं। पर मैंने बीते दो दशक खुद को इन चीजों से अलग करके जिए हैं। यह एक आर्ट है जिसमें मैंने बीते सालों में महारत हासिल कर ली है।'
ऑडियंस की सोच में भी आया है बहुत बदलाव
अब जब वह फिल्म इंडस्ट्री में अपने 21वें साल में दाखिल हो गई हैं तो उनके पास इंडस्ट्री के दो सबसे बड़े प्रोजेक्ट लाल सिंह चड्ढा और तख्त भी हैं। इस एक्ट्रेस का मानना है कि उन्होंने और उनके साथ की एक्ट्रेसेस ने बॉलीवुड में 'लीडिंग लेडीज' को लेकर बने नजरिए को बदलने के लिए काफी काम किया है। करीना कहती हैं, '(कंगना रनोत), विद्या (बालन), प्रियंका (चोपड़ा जोनस) और मैंने ऐसी मूवीज को चुना जो एक औरत के दूसरे पहलुओं को दिखाती थीं। ऑडियंस की सोच में भी बदलाव आया है। वे एक्टर्स, जो 30 साल की ऐज ग्रुप में हैं, वे अब ज्यादा रिलैक्स्ड हैं। अब वे बाकी किसी भी चीज से पहले स्टोरी का पीछा करते हैं।'
हमेशा रहेंगी हसबैंड की एहसानमंद
वह अपनी सक्सेस का क्रेडिट अपने हसबैंड सैफ अली खान को भी देती हैं। करीना के मुताबिक, 'एक एक्टर के तौर पर हम सेम लोगों से मिलते हैं, कौन सी फिल्म बन रही है, इसको लेकर बात करते हैं। कौन सा ब्रांड एंडोर्समेंट मिस कर दिया, अपने अगले बड़े रोल के लिए किस डायरेक्टर से मिलना है, ये सारी बातें भी होती हैं। यह लूप कई बार टॉक्सिक हो जाता है। मेरे लिए रीइनवेंशन चीजों को और दुनिया को बेहतर तरह से समझने के लिए बहुत जरूरी है। मैं खुशनसीब हूं कि मैंने कुछ कदम पीछे खींचकर ट्रैवलिंग, रीडिंग और उन लोगों से मिलने में वक्त बिताया जिनका फिल्मी दुनिया से कोई ताल्लुक नहीं था। इसके लिए मैं सैफ की एहसानमंद हूं।'
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