कानपुर (ब्यूरो)। शहर की सडक़ों पर जिधर निकल जाइए उधर आपको गड्ढे ही गड्ढे नजर आएंगे. ये गड्ढे कानपुराइट्स के लिए बड्ी मुसीबत बने हुए हैं. गाडियों की हाल खराब करने वाले गड््ढे कई तरह की बीमारियां भी दे रहे हैं. इन गड््ढों को भरने की जिम्मेदारी नगर निगम की है. लेकिन हालते ये हैं कि शहर गड््ढे भरने तो दूर नगर निगम की नाक के नीचे ही गड््ढे हैं. नगर निगम मुख्यालय जाने वाले मोतीझील रोड पर बड़े बड़े गड्ढे हैैं. जिसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी इलाके में अधिकारियों के आवास और गेस्ट हाउस भी हैैं

सैकड़ों की संख्या में मॉर्निंग वॉकर्स

मोतीझील के आस पास आर्यनगर, कोहना और स्वरूप नगर के साथ-साथ अशोक नगर और नजीराबाद भी है. यहां से सैकड़ों की संख्या में मॉर्निंग वॉकर्स आते है, जिनमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे बच्चियां भी होते हैैं. अक्सर यहां पार्क में जाने के दौरान सडक़ से ही जाना पड़ता है. मॉर्निंग वॉकर्स की माने तो टूटी और गड्ढे से पटी सडक़ से निकलने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके लिए कई बार शिकायत भी की गई है लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा है.

वीआईपी के आने पर लगाते &मरहम&य
मोतीझील में नगर निगम और केडीए का मुख्यालय का है. इन टूटी और गड्ढे वाली सडक़ों से लगभग डेली म्यूनिसिपल कमिश्नर, मेयर और तमाम अधिकारी भी आते जाते हैैं. इसके बाद भी किसी का ध्यान इस ओर नहीं जाता है. वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान इन सडक़ों के जख्मों पर मरहम लगा दिया जाता है यानी पैचवर्क कर दिया जाता है, कुछ ही दिनों में ये पैचवर्क उखड़ जाता है और कानपुराइट्स को जख्मी करने के लिए फिर से सडक़ के ये जख्म हरे हो जाते हैैं.

ये है सबसे बड़ी परेशानी

कोकाकोला चौराहा जीटी रोड से मोतीझील को आने-जाने वाली रोड के दोनों साइड सडक़ खराब हो चुकी है. मोतीझील चौराहा अशोक नगर के चारों तरफ गड्ढे ही गड्ढे हैं. चौराहा से कारगिल पार्क की तरफ जाने वाले रास्ते पर दो दर्जन से ज्यादा गड्ढे आए दिन हादसों का इंतजार करते दिखाई दे रहे हैैं. इसी तरह केडीए के सामने मेट्रो स्टेशन जाने वाली रोड पर कई गड्ढे हैं. दरअसल फुटपाथ पर लगी तमाम अवैध दुकानें जिनके बाहर कस्टमर्स की भीड़ लग जाती है, जिससे आधी सडक़ कवर हो जाती है. बची आधी सडक़ में गड्ढे हैैं.