कानपुर (ब्यूरो)। देशभक्ति के लिए कोई उम्र नहीं होती है. चंद्रशेखर आजाद ने अपने बचपन में ही देश को माता और अपने को आजाद घोषित कर दिया था. कृषि ज्ञान का उपयोग आत्मनिर्भर भारत के लिए करें यही आपकी गुरुदक्षिणा है. बडी उपलब्धि के लिए लक्ष्य भी बड़े निर्धारित करें. यह बातें फ्राइडे को सीएस के 26वें कॉन्वेकेशन में राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मेधावियों से कहीं. चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कैलाश भवन सभागार में आयोजित कॉन्वोकेशन में उन्होंने 14 कुलाधिपति स्वर्ण पदक समेत 62 पदक वितरित किए. समारोह में 601 विद्यार्थियों को स्नातक, परास्नातक और पीएचडी उपाधियां दी गई. वहीं, मुख्य अतिथि व अंतरराष्ट्रीय मक्का एवं गेहूं सुधार केंद्र के महानिदेशक डा. ब्रैम गोवाट््र्स को विश्वविद्यालय की मानद उपाधि दी गई. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि विज्ञानियों का आह्वान किया कि वह कृषि उत्पादन बढ़ाने व लागत कम करने के लिए काम करें.

21वीं सदी महिलाओं की
दीक्षा समारोह में उपस्थित विद्यार्थियों व शिक्षकों को कुलाधिपति ने नवरात्र की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी महिलाओं की है. जो बिगड़ा हुआ है उसे महिलाएं ही सुधारेंगी. ड्रोन दीदी और कृषि सखियां जल्द ही कृषि सुधार के लिए काम करती दिखाई देंगी. नारी का सम्मान करना और नारी के साथ होने वाले अत्याचार का विरोध करना ही नवरात्र कीच्सच्ची पूजा है. शराब, जुआ और धूमपान की लत के लिए पुरुषों को आइना दिखाते हुए कहा कि महिलाएं अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के लिए आगे आ रही हैं.

पर्यावरण सुरक्षा व सुधार को
उन्होंने कहा कि देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने का श्रेय किसानों और विज्ञानियों को जाता है. पर्यावरण क्षति और प्रदूषण से कृषि उत्पादकता व गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पडऩे का उल्लेख करते हुए कहा कि पर्यावरण सुरक्षा व सुधार को कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए. रासायनिक खादों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हुई है इसलिए अब प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना होगा.


खेती में उत्पादन बढ़ाने की अपील
समारोह के विशिष्ट अतिथि व प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि विज्ञानियों से खेती में उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने के लिए काम करने की अपील की. डा. ब्रैम ने देश के सबसे पुराने कृषि शिक्षण संस्थान से मानक उपाधि मिलने को अपने लिए अविस्मरणीय क्षण बताया और कहा कि गुणवत्ता युक्त कृषि उत्पाद की आवश्यकता बढ़ रही है इसके लिए कृषि विविधीकरण करने की जरूरत है.

48 मेधावियों को पदक और पुरस्कार
दीक्षा समारोह में 48 मेधावियों को पदक एवं पुरस्कार दिए गए. जिसमें 14 छात्र छात्राओं को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 14 छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय रजत पदक, 13 छात्र छात्राओं को विश्वविद्यालय कांस्य पदक दिया गया है. सात ऐसे विद्यार्थी भी हैं जिन्हें कुलाधिपति पदक नहीं मिला लेकिन प्रायोजित स्वर्ण पदक पाने में सफल रहे हैं. मेधावियों को राज्यपाल के साथ मुख्य अतिथि डा. ब्रैम गोवाट््र्स और विशिष्ट अतिथि सूर्य प्रताप शाही ने भी पदक सौंपे. अंतरराष्ट्रीय गेहूं एवं मक्का शोध केंद्र मेक्सिको के महानिदेशक डा. ब्रैम गोवाट््र्स को कुलाधिपति ने मानद उपाधि से विभूषित किया.


च्कूली बच्चों को मिले पुरस्कार
राज्यपाल ने कानपुर देहात, रायबरेली, फतेहपुर के सरकारी स्कूलों में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी 12 छात्र-छात्राओं को प्रमाणपत्र,पुस्तकें, पेन, एवं बैग का उपहार दिया. 10 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को उपयोगी वस्तुओं की किट भेंट की. तीन स्कूल के प्रधानाध्यापकों को 200 पुस्तक भी राज्यपाल की ओर से दी गई. आंगनबाड़ी के 100 केंद्रों को सीएसए और 100 केंद्रों को औरेया डीएम व सीडीओ की ओर से किट दी गई है. समारोह का शुभारंभ कुलाधिपति ने जल एवं पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए पीपल के पौधों को जल देकर किया. समारोह में उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. संजय ङ्क्षसह, सीएसए बोर्ड सदस्य व विधायक सुरेन्द्र मैथानी भी मौजूद रहे.