कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Kalindi Express Mishap: यूपी में बिल्हौर के पास कानपुर-कासगंज रेलवे ट्रैक पर रविवार रात एलपीजी सिलेंडर से कालिंदी एक्सप्रेस के टकराने के मामले की जांच के दौरान पुलिस को अहम सबूत मिले हैं। जांच एजेंसी के मुताबिक, कुछ बदमाशों ने ट्रैक को उड़ाने और ट्रेन में आग लगाने की साजिश रची थी। इसके अलावा, पुलिस ने आतंकी साजिश की संभावना से भी इनकार नहीं किया है। एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता), आईबी (खुफिया ब्यूरो) और एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की टीमों ने सोमवार को घटनास्थल की जांच की।

अब तक 14 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया

रेलवे ने इस संबंध में शिवराजपुर थाने में मामला दर्ज कराया है। घटना की जांच के लिए छह टीमें बनाई गई हैं। अब तक 14 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें से चार को एटीएस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। घटनास्थल के पास मिला बैग और मिठाई का डिब्बा कन्नौज के छिबरामऊ की एक दुकान का है। पुलिस ने दुकान मालिक से पूछताछ की है और वहां लगे कैमरों से डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) जब्त किया है।

एलपीजी सिलेंडर से कालिंदी एक्सप्रेस टकरा गई थी

सुबह 8:25 बजे बिल्हौर से 17 किलोमीटर पहले मुडेरी क्रॉसिंग के ठीक बाद रेलवे ट्रैक पर रखे एलपीजी सिलेंडर से कालिंदी एक्सप्रेस टकरा गई। जोरदार धमाके के बाद लोकोमोटिव पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। ट्रेन की टक्कर के बाद सिलेंडर 50 मीटर दूर जाकर गिरा। इसमें कई जगह से खरोंचें थीं और पटरियों पर खरोंच के निशान मिले हैं।

पेट्रोल बम, विस्फोटक भरा डिब्बा और माचिस मिली

घटनास्थल पर पेट्रोल बम, विस्फोटक जैसा पाउडर भरा मिठाई का डिब्बा और माचिस मिली है। पाउडर अमोनियम नाइट्रेट होने का संदेह है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर विस्फोट के लिए किया जाता है। हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ और ट्रेन 25 मिनट बाद अपनी यात्रा फिर से शुरू कर दी। डीसीपी ने बताया कि क्रॉसिंग के पास स्थित दरगाह पर बड़ी संख्या में जमाती आते हैं। उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इलाके के तीन हिस्ट्रीशीटरों से भी पूछताछ की जा रही है।

ट्रैक को उड़ाने और ट्रेन में आग लगाने की साजिश

इलाके का मुआयना करने के लिए डॉग स्क्वायड को भी तैनात किया गया है। एटीएस आईजी नीलाभ चौधरी ने बताया कि घटना गंभीर है और मामले की जांच की जा रही है। कन्नौज आरपीएफ थाना प्रभारी ओमप्रकाश मीना ने बताया कि घटनास्थल पर मिले सामान के आधार पर ट्रैक को उड़ाने और ट्रेन में आग लगाने की साजिश का संदेह है। इस घटना से करीब 22 दिन पहले कानपुर-झांसी रूट पर पनकी के पास साबरमती एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश की गई थी।

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