अस्थमा पर नियंत्रण के व्यायाम के अलावा कौन से हें तरीके
इससे पहले कि हम आपको बतायें कि कौन सी हैं वो एक्सरसाइज जो दमे को काबू में रख सकती हैं हम आपको बताते हैं वो और तरीके जिनसे आप अपनी इस बीमारी के बावजूद स्वस्थ रह सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात तो ये है कि अस्थमा कारकों जैसे धूल, धुआं, फूलों के परागकण, ठंडी हवा या मौसम में बदलाव, तेज महक आदि को पहचानने और उनसे दूर रहने की कोशिश करें। इसके साथ ही अस्थमा की इन्हेलर दवाएं अपने डॉक्टर के कहे अनुसार नियमित लें। यदि आप को सांस में तकलीफ नहीं है और आप ठीक भी महसूस कर रहे हैं तब भी अपने डॉक्टर से सलाह मश्विरा करते रहें। इन्हेलर को हमेशा साथ रखें और बताये गए तरीके से इस्तेमाल करें। अस्थमा की जांच पीकफ्लोमास्टर या स्पाइरोमीटर द्वारा नियमित रूप से कराएं।
क्या कहते हैं शोध
हाल के एक अध्ययन से ये पता चला है कि नियमित तौर पर हल्का व्यायाम करने से दमा के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। हालाकि शोधकर्ताओं ने स्पष्ट किया है कि अस्थमा के मरीज़ को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि व्यायाम ज्यादा कठोर या परिश्रम वाला नहीं होना चाहिए। कनाडा में मोंट्रियाल स्थित कोनकोर्डिया यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक प्रमुख शोधकर्ता सिमोन बेकन की सलाह है कि साधारण एहतियात बरतकर व्यायाम के कारण होने वाली इन समस्याओं पर काबू पाया जा सकता है।
ये हैं अस्थमा के अनुकूल व्यायाम
शोध के अनुसार यदि सैर और योग जैसे व्यायाम नियमित रूप से बस 30 मिनट किए जाएं तो दमा के लक्षणों में सुधार आ सकता है। यह दावा बीएमजे ओपन रेस्पिरेटरी रिसर्च के एक नए अध्ययन में किया गया है। शोध में अस्थमा पीड़ित 643 व्यक्तियों के व्यायाम की आदतों का निरीक्षण किया गया। अध्ययन में ज्ञात हुआ कि जो लोग नियमित रूप से समुचित शारीरिक गतिविधि करते थे, उनमें व्यायाम न करने वालों की तुलना में अस्थमा के लक्षणों पर ढाई गुना अधिक नियंत्रण देखा गया। शोध में बताया गया है कि व्यायाम के कारण इन समस्याओं के बढ़ने की बात सही है, लेकिन अगर व्यायाम से पूर्व रिलिवर दवा बल्युफर आदि ले ली जाती है और व्यायाम के बाद थोड़ा आराम कर लिया जाए तो सब ठीक रहता है। इसलिए शोधकर्ता सलाह देते हैं कि अस्थमा होने पर भी व्यायाम जरूर करना चाहिए। क्योंकि अध्ययन में पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से वर्ष भर व्यायाम करते हैं और काम करते रहते हैं उन्हें सबसे ज्यादा लाभ मिलता है।