उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की एक निर्णायक रिपोर्ट ने ये साबित कर दिया है कि पिछले महीने दमिश्क में हुए  रासायनिक हमले के पीछे सीरियाई सरकार ही थी.

पिछले हफ्ते रूस और अमरीका की ओर से दी गई योजना के तहत सीरिया अपने रासायनिक हथियारों को नष्ट करने पर सहमत हो गया था.

पश्चिमी देश चाहते हैं कि इस समझौते को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के जरिए स्वीकृति दी जाए और यदि ऐसा न हो तो सीरिया पर हमले का विकल्प खुला रखा जाए.

आपत्ति

"एक दूसरे को हराने में न तो सशस्त्र विद्रोही और न ही सरकार सक्षम हैं"

-क़ादरी जमील, सीरिया के उप प्रधानमंत्री

हालांकि सीरिया के सहयोगी रूस को पश्चिमी देशों के इस प्रस्ताव पर आपत्ति है.

गुरुवार को एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत, सीरिया के उप प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन के गार्डियन अखबार को बताया कि उनके देश में गृहयुद्ध में गतिरोध की स्थिति आ गई है और जेनेवा में यदि शांति वार्ता लंबी खिंचती है तो सरकार युद्ध विराम की पहल करेगी.

उप प्रधानमंत्री क़ादरी जमील ने कहा, "एक दूसरे को हराने में न तो सशस्त्र विद्रोही और न ही सरकार सक्षम हैं."

गत 21 अगस्त को राजधानी दमिश्क के पास एक रासायनिक हमले में  सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी.

सीरिया का आरोप था कि ये हमले विद्रोहियों ने किए थे. रूस भी सीरिया की इस बात का समर्थन कर रहा है.

सैन्य कार्रवाई

अमरीका ने इसी संदर्भ में सीरिया पर सैन्य कार्रवाई की धमकी दी थी लेकिन रूस की ओर से सीरिया के रासायनिक हथियारों को नष्ट करने संबंधी  योजना के बाद इसे फिलहाल स्थगित कर दिया था.

केरी का कहना था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अगले हफ्ते न्यूयॉर्क में होने वाली आम सभा की बैठक में इस बारे में अवश्य विचार करना चाहिए.

उन्होंने कहा, "अब इम्तहान की घड़ी आ गई है. अगले हफ्ते सुरक्षा परिषद को ठोस कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा."

इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा था कि उन्हें इस बात का यकीन है कि सीरिया के रासायनिक हथियारों को अमरीका-रूस योजना की निगरानी में नष्ट किया जा सकता है, लेकिन वो शत-प्रतिशत आश्वस्त नहीं हैं.

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