पुलिस एक्शन में कुछ स्टूडेंट हुए घायल
दिल्ली (आईएएनएस)। देश की राजधानी दिल्ली में कल शुक्रवार को कल जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी कि जेएनयू के स्टूडेंट और टीचर जेनयू कैंपस से पार्लियामेंट तक पैदल मार्च के लिए निकले थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें आईएनए मार्केट के पास रोक दिया। पुलिस का कहना था कि विरोध कर रहे स्टूडेंट और टीचर्स को इसके आगे जाने की अनुमति नहीं हैं। इसलिए सभी स्टूडेंट को वापस कैंपस में जाना होगा। एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि इसके बाद भी जब स्टूडेंट नहीं माने तो पुलिस कर्मियों द्वारा उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया। पुलिस द्वारा लिए गए इस एक्शन में कुछ स्टूडेंट घायल भी हुए।
अटेंडेंस सही पैरामीटर नहीं हो सकता
वहीं स्टूडेंट यूनियन का कहना है कि इस दौरान पुलिस के एक्शन में कुछ महिला स्टूडेंट के कपड़े भी फट गए है। इस पूरे मामले को लेकर महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की नेता वृंदा करात भी स्टूडेंट के विरोध में जुड़ चुकी हैं। उनका कहना है कि हम लोग इस आंदोलन का खुलकर सपोर्ट कर रहे हैं। हम स्टूडेंट और टीचर्स के साथ खड़े हैं। शिक्षा के क्षेत्र में यौन उत्पीड़न के मामले में सुधार की जरूरत है। सुष्मिता देव का कहना है कि अधिकारियों को नहीं समझ आता है कि विद्वान या शोधकर्ता की शैक्षणिक क्षमताओं को जज करने के लिए अटेंडेंस एक पैरामीटर नहीं हो सकता है।
सुष्मिता देव और वृंदा करात सपोर्ट में
वहीं वृंदा करात का कहना है कि यह बेहद शर्मनाक मामला है। जेएनयू वाइस चांसलर जगदास कुमार यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। आरोपी लाइफ सांइस के प्रोफेसर अतुल जौहरी के खिलाफ एक नहीं करीब आठ शिकायतें आई हैं। ऐसे में जब स्टूडेंट को इस मामले में यूनवर्सिटी से न्याय नहीं मिला तो वे अब मजबूरी में सड़क पर विरोध करने उतरे हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी कि जेएनयू के स्टूडेंट और टीचर पिछले कई दिनों से कई मुद्दों पर विरोध कर रहे हैं। वे लगातार अभियुक्त प्रोफेसर को हटाने की भी मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तब वे नहीं हटेंगे स्टूडेंट का विरोध जारी रहेगा।
आरोपी को बचाने का हो रहा है प्रयास
बतादें कि बीते सोमवार को जेएनयू के स्टूडेंट ने बसंत कुंज पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। उन्होंने वहां साफ कह दिया था कि जब तक लाइफ सांइस के प्रोफेसर अतुल जौहरी को अरेस्ट नहीं किया जाएगा तब तक वे क्लास नहीं अटेंड करेंगे। इसके अलावा शिक्षक भी कई विभाग प्रमुखों को हटाने और उपस्थिति के नियमों के खिलाफ भूख हड़ताल पर रहने का ऐलान किया था। ऐस में प्रोफेसर के खिलाफ जब यह मामला गर्माया तो उसे बीते मंगवार को अरेस्ट किया गया लेकिन कुछ घंटे बाद बेल देकर छोड़ दिया गया। प्रोफेसर का कहना था कि वह बेगुनाह है। यूनवर्सिटी के कुछ लोगों द्वारा उन्हें राजनीति के तहत बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
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