रांची: सोमवार की दोपहर हुई मूसलाधार बारिश में कोकर खोरहाटोली पुल को पार कर रहा एक बाइक सवार युवक (25-30 वर्ष)पानी की तेज धार में बह गया। हालांकि, उसे बचाने का आसपास के लोगों ने काफी प्रयास किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इस दौरान युवक को बचाने उतरा दूसरा युवक भी तेज धार में फंस गया था, लेकिन आसपास के लोगों के प्रयास से उसे बचा लिया गया। घटना की सूचना पाकर सदर थाना पुलिस भी पहुंची, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। पानी की धार में बहे युवक की पहचान खबर लिखे जाने तक नहीं हुई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पुल से पहले भी दो लोगों के साथ ऐसे हादसे हो चुके हैं।
जगह-जगह वाटरलॉगिंग
दोपहर बाद एक घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश के बाद पूरा शहर पानी-पानी हो गया। बारिश के बाद जगह-जगह वाटरलॉगिंग हो गई। वहीं कई इलाकों में बारिश की वजह से पानी पुलिया के ऊपर से बहने लगा। धार इतनी तेज थी कि कई लोग उसमें फंस गए। जिन्हें काफी मशक्कत के बाद वहां से बाहर निकाला गया। जबकि कुछ इलाकों में तो स्थिति इतनी बदतर है कि पैदल चलने वालों के लिए आफत हो गई। रोड और नाली का कुछ पता ही नहीं चल पा रहा था। ऐसे में लोग नाले के पानी में ही बचते बचाते घर को गए।
वीआईपी कॉलोनी में तालाब सा नजारा
सिटी के कई वीआईपी कॉलोनी की सड़कों पर भी काफी पानी भर गया। इस कारण वहां रहने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई अन्य स्थानों में जल भराव होने से लोगों को परेशानी हुई। बारिश के पहले वॉटर लागिंग की समस्या निपटने को लेकर अभियान भी चलाया गया था। नगर निगम द्वारा सफाई अभियान की पोल खुल गई। नालियां जाम हैं और बारिश के दौरान पानी की निकासी नहीं होने से सड़कों पर ही पानी जमा हो गया।
दुकान व घर में नुकसान
झमाझम बारिश के कारण सिटी के नीचले इलाकों में पानी जम गया। धीरे-धीरे पानी लोगों की दुकानों और घरों में भर गया। इसके बाद तो हर जगह बाढ़ जैसे हालात लग रहे थे। रोड पर का तो पानी थोड़ी देर बाद निकल गया। लेकिन लोगों की दुकानों और घरों में घुसे पानी से काफी नुकसान हो गया। लोगों के सामान भी बर्बाद हो गए। लेकिन इस पर किसी का कोई जोर नहीं चला।
ड्रेनेज सिस्टम फेल
सिटी के हर इलाके में बड़े ड्रेनेज के अलावा छोटी नालियां भी बनाई गई हैं। लेकिन एक घंटे की बारिश भी ये नाले और नालियां नहीं झेल पाईं। कई इलाकों में तो पानी निकासी नहीं हुई। वहीं स्टेशन रोड में तो एक कार पानी में आधी डूब गई। स्टेशन के बाहर भी तालाब जैसा नजारा था। जबकि कुछ इलाकों में तो पानी ने लोगों का आवागमन ही बंद करा दिया।
पानी की तेज धार को देखने के बाद मैंने युवक को पुल पार करने से मना किया, लेकिन उसने मेरी बात नहीं मानी और तेज धार के बीच ही बाइक लेकर घुस गया। हमलोग रस्सी लाने गए तब तक युवक बह चुका था। लौटे तो देखा कि उसे बचाने दूसरा युवक जो गया था वह भी फंस गया। बाद में हमलोगों ने रस्सी फेंक कर दूसरे युवक को तो बचा लिया।
सुशील टोपनो
यह पुल कई सालों से खतरनाक बना हुआ है। हर साल बरसात में यही नजारा रहता है। बिना बैरिकेडिंग के पुल के कारण पानी की तेज धार में फंसे लोगों का बचना मुश्किल रहता है। जब भी बरसात शुरू होती है तो स्थानीय लोगों का आना-जाना तक बंद हो जाता है। जब भी मूसलाधार बारिश होती है तो स्थानीय लोगों की परेशानी बढ़ जाती है।
शांति टोपनो