रांची (ब्यूरो) । पर्यावरण स्वच्छता एवं जागरूकता सतत् विकास का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है। जलवायु परिवर्तन और अन्य पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में बढ़ती चिंता के साथ, यह जरूरी है कि स्कूलों को जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए पाठ्यक्रम में पर्यावरण अध्ययन, स्व'छता और जागरूकता जैसी शिक्षण गतिविधियों को शामिल करें। इस उद्देश्य को समर्पित सीबीएसई, सीओई, पटना के तत्वावधान में कैपिसिटी बिल्डिंग कार्यक्रम के तहत जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के दयानंद प्रेक्षागृह में शिक्षकों के लिए एनवायरनमेंटल स्टडीज विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया

कार्यक्रम का शुभारंभ सहोदया स्कूल काम्प्लेक्स, रांची की अध्यक्षा सह सरला बिडला विद्यालय की प्राचार्या परमजीत कौर, कैंब्रियन पब्लिक स्कूल की प्राचार्या डॉ नीता पांडेय एवं विद्यालय प्राचार्य समरजीत जाना के कर-कमलों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर हुआ। इस कार्यशाला में झारखंड के विभिन्न जिलों के सीबीएसई विद्यालयों के 55 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। कार्यशाला में संसाधिका (रिसोर्स पर्सन) के रूप में परमजीत कौर और डॉ नीता पांडेय ने प्रशिक्षु शिक्षकों को &पर्यावरण की रक्षा, मानवता की सुरक्षा&य का मंत्र देते हुए स्लाइड, वीडियो, प्रश्नोत्तरी के द्वारा पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के महत्व को समझाया।

जल की जांच सूची

उन्होंने राष्ट्रीय पाठ्य चर्चा की रूप-रेखा 2023 एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 का उल्लेख करते हुए विद्यालय में पर्यावरण विज्ञान अध्ययन के शिक्षण में इसकी प्रासंगिकता और उपादेयता पर विस्तृत चर्चा की। चार सत्र में विभक्त इस कार्यशाला में नौ क्रियाकलाप हुए जिसके विषय हैं - इवीएस के संबंध में एनसीएफ, पाठ्यचर्या क्षेत्र के रूप में पर्यावरण अध्ययन, विश्व पर्यावरण दिवस, भूटान में पर्यावरण संरक्षण की पहल, पर्यावरण संचेतना, आइए विचार करें, बहु अनुशासनिक अंतर पाठ्यचर्चा, समस्या समाधान दृष्टिकोण, पर्यावरण अनुकूल स्कूल विकसित करना, ऊर्जा कचरा व जल की जांच सूची, पर्यावरण स्थिरता के लिए शिक्षण आदि। इन कार्यशाला में प्रशिक्षु शिक्षकों ने भी प्रदत्त विषय पर लघुनाटिका, अभिनय एवं कुशल संवाद के द्वारा अपने विचार को साझा किया। प्राचार्य समरजीत जाना ने कहा कि मनुष्य प्रकृति का एक अभिन्न अंग है। पर्यावरण की रक्षा से ही दुनिया की सुरक्षा संभव है।