रांची (ब्यूरो) । शाइनिंग झारखंड स्वयसवी संस्था की ओर से डायन प्रथा एक अभिशाप विषय पर कांके प्रखंड के होचर गांव में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संस्था द्वारा आमजनों को इस सामाजिक कुरीति के प्रति जागरूक किया गया। संस्था के संस्थापक सह सचिव पूजा राजश्री ने बताया कि डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 2001 के तहत किसी महिला को डायन के रूप में पहचान करने वाले तथा पहचान के प्रति अपने किसी भी कार्य, शब्द या रीति से कार्रवाई करने वाले को तीन महीने तक कारावास की सजा या 1000 रुपये जुर्माना अथवा दोनों से दंडित करने का प्रावधान है।
अवेयरनेस बेहद जरूरी
उन्होंने कहा कि कहा कि ऐसी सामाजिक कुरीति पर अंकुश लगाने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता बेहद जरूरी है। ऐसी कुरीतियां ना केवल महिलाओं बल्कि समाज को भी नाकारात्मक विचारधारा से ग्रसित करती हैं। इन कुरीतियों से महिलाओं को प्रताड़ित करना अपराध है। डायन बिसाही जैसी कुप्रथा के कारण आज समाज की गरीब तथा असहाय महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान के माध्यम से कुप्रथाओं के प्रति न केवल जागरूक किया जाएगा, बल्कि कानूनी कार्रवाई के बारे में बताया गया जाएगा। पूजा राजश्री ने आमजनों से इस प्रकार की किसी भी घटना की जानकारी होने पर निकटतम पुलिस थाने से संपर्क करने की भी अपील भी की।