RANCHI : दुमका स्थित एसपी कॉलेज में मोबाइल चोरी के आरोप में आदिवासी छात्रा को नंगा कर फोटो वायरल करने के मामले में गाज प्रिंसिपल डॉ रेणुका नाथ पर गिरी है। बुधवार को उन्हें हटाकर डॉ सुष्मिता बोस को कॉलेज का प्रिंसिपल बनाया गया है। आदिवासी छात्रा के साथ अमानवीय व्यवहार और बदसलूकी का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद मंगलवार को कई टीमों ने कॉलेज पहुंचकर मामले की जांच की थी। इस मामले में पीडि़ता का भी बयान लिया था। इन टीमों की जांच रिपोर्ट के मद्देनजर ही सिदो-कान्हू यूनिवर्सिटी के वीसी ने यह कार्रवाई की।
पहुंची महिला आयोग की टीम
छात्रा को नग्न कर तस्वीर वायरल करने के मामले को महिला आयोग ने भी संज्ञान में लिया है। बुधवार को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण छह सदस्यीय टीम के साथ दुमका पहुंची। यह टीम पीडि़त छात्रा और उनके परिजनों से मिली। पीडि़त छात्रा ने बताया कि उसके खिलाफ मोबाइल चोरी के आरोप गलत हैं। उसने एक छात्रा से 550 रुपया में मोबाइल खरीदा। एक अगस्त को मॉनिटर छात्रा उसे बहाने से कॉलेज के हॉस्टल नंबर दो में ले गई। जहां कई छात्राओं ने मारपीट की और जबरन चोरी का आरोप स्वीकार करने को बाध्य किया। अध्यक्ष ने उसे न्याय का आश्वासन दिया।
दो दिन चला नंगा खेल, पर प्रिंसिपल अनजान
महिला आयोग की टीम कॉलेज पहुंचकर प्रिंसिपल डॉ रेणुकानाथ से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। आयोग की अध्यक्ष ने पूरे प्रकरण के लिए प्रिंसिपल और वार्डन को जिम्मेदार बताया। उन्होंने दोनों से पूछा कि छात्रा को दो दिनों से प्रताडि़त किया जा रहा था और उन्हें इसकी भनक तक नहीं क्यों नहीं लगी।
कॉलेज की सुरक्षा पर भी उठे सवाल
महिला आयोग की टीम ने कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा किए। उन्होंने प्रिंसिपल व वार्डेन से पूछा कि यहां छात्राओं की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं। ऐसा मालूम चला है कि कोई भी युवक बिना किसी रोक-टोक के हॉस्टल में प्रवेश कर जाता है। जब दिन में यह हाल है तो रात में छात्राओं की असुरक्षा का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
पीडि़ता को 50 हजार रुपए मिला मुआवजा
राज्य सरकार ने पीडि़त छात्रा को 50 हजार रुपए बतौर मुआवजा देने का फैसला किया है। दुमका के डीसी मुकेश कुमार के निर्देश पर बीडीओ ने बुधवार को छात्रा के घर जाकर पचास हजार रुपए का चेक सौंपा। इसके अलावा सरकारी फंड से छात्रा के घर शौचालय और शेड भी बनाया जाएगा।