रांची(ब्यूरो)। भारत की महिलाएं शिक्षित ही नहीं, बल्कि सजग और जागरूक होने के साथ-साथ प्रतिभाशाली भी हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिलाएं हर क्षेत्र में कामयाबी की नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। ये बातें पीजी कॉलेज गुना मध्य प्रदेश की सहायक प्राध्यापिका डॉ शालिनी कौशिक ने बतौर मुख्य अतिथि सह मुख्य वक्ता, सरला बिरला यूनिवर्सिटी रांची के मानविकी एवं भाषा विज्ञान संकाय द्वारा फेमिनिज्म एंड पॉपुलर कल्चर टॉपिक पर आयोजित वेबिनार में कहीं। उन्होंने कहा कि अब भी नारी शक्ति को जागृत करने की आवश्यकता महसूस होती है। नारी सशक्तिकरण को और अधिक मजबूत करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे समाज में महिलाओं के साथ भेदभाव एवं बर्बरतापूर्ण घटनाएं अब भी घटित होती दिखाई देती हैं। समाज को सुदृढ़, समृद्ध एवं शक्तिशाली बनाए रखने के लिए नारियों के प्रति सम्मान एवं समानता का भाव रखने की आवश्यकता है।
समाज में अब भी कई विषमताएं
वेबिनार की अध्यक्षता कर रहे यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर गोपाल पाठक ने कहा कि आज भी समाज में बहुत सारी विषमताएं हैं, जिन्हें शिक्षा द्वारा ही खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से सामाजिक जागरूकता बढ़ती है तथा महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में परिवर्तन होते हैं। विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने कार्यक्रम की सराहना की है तथा कहा है कि राष्ट्र के निर्माण में महिलाओं का योगदान पुरुषों से कहीं अधिक है।
नारी शिक्षा पर हो फोकस
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर विजय कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य चरित्र निर्माण एवं व्यक्तित्व का विकास करना होता है। उन्होंने नारी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही। वेबिनार में मुख्य वक्ता डॉ शालिनी कौशिक का स्वागत मानविकी व भाषा विज्ञान संकाय के डीन डॉ राधा माधव झा ने किया। डॉ स्वाति लेखा ने मुख्य वक्ता का संक्षिप्त परिचय दिया तथा संचालन इंग्लिश ऑनर्स सिक्स सेमेस्टर की छात्रा सुश्री ऋषिका ने किया। वेबिनार में डॉ रिया मुखर्जी, डॉ स्वातिलेखा, डॉ सोहम चौधरी, डॉ पूजा मिश्रा, डॉ सुचिस्मिता, संजीव कुमार श्रीवास्तव, स्प्रीहा मिश्रा, कावेरी नायर सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल थे।