रांची (ब्यूरो) । प्रजापिता ब्रह्याकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवा केन्द्र चौधरी बगान हरमू रोड रांची के तत्वावधान में श्री श्री 108 हनुमान मंदिर नवनिर्माण समिति, नामकुम बाजार, नामकुम में द्वादश 'योतिलिंगम आध्यात्मिक तीन दिवसीय मेला का आयोजन किया गया है जो 29 जुलाई 2024 तक आम जनता के लिए नि:शुल्क खुला रहेगा। द्वादश 'योतिंलिंगम आध्यात्मिक दर्शन मेले के दूसरे दिन 12 ज्योतिलिंगम के आरती के समय मेले में उपस्थित ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा ज्ञान सागर परमात्मा शिव से अमृत कलश प्राप्त करके अज्ञानता से ग्रस्त नर-नारियों को अमर पद दिलाने की ईश्वरीय सेवा करने के कारण भारत में शिव शक्तियों का गायन होता है।
नैतिक मुल्यों की जरूरत
उन्होंने कहा कि आज इसी बात को समझने और धारण करने की आवश्यकता है कि भौतिकज्ञान के साथ-साथ आध्यात्मिक ज्ञान को भी उचित स्थान दिया जाए। नैतिक मुल्यों की समाज में आवश्यकता के साथ-साथ मनोयोग व बुद्धियोग भी व्यक्तिगत जीवन में जरूरी है।
उन्होंने द्वादश ज्योर्तिलिंगम के आध्यात्मिक रहस्य को स्पष्ट करते हुए आगे कहा कि सोमनाथ अर्थात मनुष्य आत्माओं को सत्य ज्ञान का सोमरस (अमृत) देकर पावन बनाने वाले हैं, मल्लिकार्जून अर्थात हरेक आत्मारूपी अर्जुन को जूही के सफेद फूल (मल्लिका) जैसे पवित्र बनाने वाले मल्लिकार्जुन हैं, महाकालेश्वर
अर्थात् मन्ष्य की आसुरी वृत्तियों का नाश करने के लिए प्रकट हुए कालों के काल महाकालेश्वर हैं, ऊं कारेश्वर
अर्थात् ऊं = अ जोड उ जोड म, आचरण, उ'चारण, मनन मनुष्य जीवन की तीन क्रियाओं को शुद्ध बनाने वाले हैं।
भीम समान अपार शक्तियां
वैद्यनाथ अर्थात् सृष्टि के आदि मध्य अन्त की विद्या देकर तथा हरेक वेदों शासत्रों का सार सुनाने के कारण वैद्यनाथ कहलाते हैं, भीमेश्वर अर्थात भीम समान अपार शक्तियां देकर आसूरी शक्तियों का नाश करने वाले भीमेश्वर हैं, घृष्णेश्वर अर्थात् निर्मल आत्माओं को जीय दान देकर पुर्नजीवित करने वाले हैं, त्रयम्बकेश्वर अर्थात ब्रह्मा, विष्ण, शंकर तीनो देवो के रचयिता होने के कारण त्रयम्बकेश्वर कहलाते हैं। रामेश्वरम् अर्थात् रामराज्य सतयुगी दुनिया की स्थापना करने वाले तथा राम जैसे देवो के भी देव महादेव होने के कारण रामेश्वर कहलाते हैं,