रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में ट्रैफिक व्यवस्था की क्या दुर्गति हो चुकी है। यह किसी से छिपी हुई नहीं है। हर दिन ट्रैफिक के जंजाल में आम पब्लिक को फंसना ही पड़ता है। ट्रैफिक सिस्टम की इतनी बुरी हालत ऐसे ही नहीं हुई। इसके पीछे सरकार और ट्रैफिक विभाग का पूरा योगदान है। दरअसल सिटी में ट्रैफिक को दुरुस्त बनाए रखने की जिम्मेवारी ट्रैफिक एसपी की है। लेकिन आलम यह है कि यह पद ही बीते तीन साल से डिस्टर्ब है। बीते तीन साल में तीन आईपीएस को ट्रैफिक की कमान दी गई। लेकिन शहरवासियों के लिए यह दुर्भाग्य ही रहा है कि कोई भी आईपीएस दो महीने से अधिक यह पद नहीं संभाल सका। ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने की दिशा में जैसे ही कोई काम होने लगता है, ट्रैफिक एसपी का ट्रांसफर कर दिया जाता है। एक बार फिर से यह पोस्ट खाली हो चुका है। ट्रैफिक एसपी रहे कुमार गौरव का भी तबादला कर दिया गया है। महज 37 दिन के कार्यकाल में ही ट्रैफिक एसपी का ट्रांसफर साहेबगंज कर दिया गया है।
डेढ़ साल प्रभार में
सिस्टम में सुधार और जाम से राहत दिलाने की पहल ही की गई थी। लेकिन फिर से ट्रैफिक डिपार्टमेंट को कप्तान विहीन कर दिया गया है। 2021 के बाद से ही ट्रैफिक एसपी का पद काफी डिस्टर्ब रहा है। तत्कालीन ट्रैफिक एसपी अजित पीटर डुंगडुंग के ट्रांसफर के बाद से अब तक तीन आईपीएस अफसरों को ट्रैफिक एसपी का पद संभालने का मौका मिला। लेकिन कोई भी दो महीने से ज्यादा ट्रैफिक एसपी का पद संभाल नहीं पाया। अजित पीटर के बाद आईपीएस अंजनी को रांची का ट्रैफिक एसपी बनाया गया। लेकिन एक महीने बाद ही अंजनी अंजन का ट्रांसफर लातेहार कर दिया गया। इसके बाद करीब डेढ़ साल तक यह पद खाली ही रहा है। इस दौरान यह पद प्रभार पर ही चलता रहा। 2023 के मार्च महीने में हारिश बिन जमा को कप्तानी दी गई। करीब छह महीने सेवा देने के बाद हारिश बिन जमा का भी ट्रांसफर कर दिया गया। बीते साल अक्टूबर महीने में कुमार गौरव को ट्रैफिक एसपी बनाकर भेजा गया। दिसंबर में उन्हें साहेबगंज का एसपी बना कर भेज दिया गया।
प्रभावित हुआ काम, बढ़ा जाम
सिटी में ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त होने के बाद हर चौक-चौराहे पर जाम की समस्या विकराल होती चली गई। इन सबके पीछे सबसे बड़ा कारण सिटी में कप्तान का न होना है। ट्रैफिक एसपी का पद खाली रहने से कई चेकिंग प्रभावित हो रही हैं। इसके साथ ही ट्रैफिक व्यवस्था भी चौपट हो गई है। बेतरतीब तरीके से गाड़ी पार्किंग के कारण सड़क पर जाम की स्थिति बन रही है। पूर्व ट्रैफिक एसपी ने यातायात दुरुस्त करने के लिए कुछ निर्णय लिये थे। इसे अबतक ठीक से लागू भी नहीं किया जा सका है। नो हेलमेट नो पेट्रोल जैसे आदेश का पालन शुरू भी नहीं हुआ है। इसके अतिरिक्त जाम से मुक्ति दिलाने के लिए सड़क को वन वे करना, नो पार्किंग में खड़े वाहन पर कार्रवाई, जाम का अपडेट देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना, ब्रेथ एनालाइजर से लोगों की जांच आदि निर्णय फिर से ठंडे बस्ते में चले गए हैं।
निर्माणाधीन फ्लाईओवर से रोड डिस्टर्ब
राजधानी में ट्रैफिक समस्या से निजात दिलाने के लिए फ्लाईओवर का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन फिलहाल ये ही मुसीबत बने हुए हैं। कंस्ट्रक्शन होने की वजह से बार-बार डायवर्सन करना पड़ रहा है। कभी सड़क बंद तो कभी रुट में बदलाव होने से परेशानी हो रही है। यह समस्या अभी अगले एक साल तक बनी रहेगी। इसे संभालने के लिए ट्रैफिक पुलिस का होना बेहद जरूरी है। लेकिन कप्तान का पद खाली होने के कारण पुलिस कर्मियों को ड्यूटी नहीं दी जा रही है। हालांकि ट्रैफिक डीएसपी जीतवाहन उरांव काफी हद तक इसे संभालने का प्रयास कर रहे हैं।
आठ साल में ट्रैफिक एसपी
नाम अवधि
संजय रंजन सिंह 16 जुलाई 2016 से 23 नवंबर 2018 तक
अजीत पीटर डुंगडुंग 23 नवंबर 2018 से 16 जून 2021 तक
अंजनी अंजन 16 जून 2021 से 05 अगस्त 2021
हारिश बिन जमां 06 मार्च 2023 से 10 सितंबर 2023 तक
कुमार गौरव 19 अक्टूबर 2023 से 26 दिसंबर 2023 तक