रांची(ब्यूरो)। राजधानी में लाख प्रयास का बावजूद लोग मानने को तैयार नहीं हैं। ट्रैफिक नियम को तोडऩे से बाज नहीं आ रहे हैं। हालत यह है कि करीब डेढ़ लाख लोगों के घरों में ट्रैफिक नियम तोडऩे के लिए ऑनलाइन चालान भेजा गया है। जबकि ट्रैफिक पुलिस द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए ही लाखों रुपए हर महीने खर्च किए जा रहे हैं। शहर में सभी चौराहों पर कैमरे लगने के बाद लोग पकड़ में आ रहे हैं, जब उनके घर ऑनलाइन चालान पहुंच रहा है।
ट्रैफिक पर कैमरे की नजर
शहर की सुरक्षा और ट्रैफि क पर नजर बनाए रखने के लिए शहर में 750 कैमरे लगाए गए हैं। इससे राजधानी के चप्पे-चप्पे पर दो कंट्रोल रूम द्वारा नजर रखी जा रही है। इनमें कई अत्याधुनिक कैमरे सिग्नल ब्रेक करनेवालों की पहचान करने, वाहनों के नंबर प्लेट की फ ोटो लेने, तेज गति से जानेवाले वाहनों की पहचान करने और शहर में क्राइम कंट्रोल के लिए लगाए गए हैं। इनमें एसवीडी, एएनपीआर, आरएलवीडी जैसे अत्याधुनिक कैमरे शहर में काम कर रहे हैं। पहले की एजेंसी ने 650 कैमरे लगाए थे उनमें 550 कैमरे काम कर रहे हैं। वहीं, 100 कैमरे फ्लाईओवर के काम के कारण हटाए गए हैं। स्मार्ट सिटी की एजेंसी द्वारा भी 200 कैमरे शहर में लगाए गए हैं। शहर में 63 लोकेशन पर सर्विलांस कैमरे और 60 लोकेशन पर ट्रैफि क उल्लंघन कैमरे लगे हुए हैं।
कहां, कितने सीसीटीवी कैमरे लगे हैं
हिनू चौक - 13
एजी मोड़ -12
सुजाता चौक-14
कचहरी चौक - 17
प्रेमसंस मोटर कांके -12
चांदनी चौक कांके - 8
जेल चौक -17
लालपुर चौक - 16
सिरमटोली चौक -17
करमटोली चौक - 17
बूटी मोड़ - 10
सर्जना चौक -9
बिरसा चौक -10
हरमू चौक - 4
सहजानंद चौक -5
अरगोड़ा चौक - 5
एचईसी गेट - 4
स्मार्ट सिटी ने यहां लगाए कैमरे
शनि मंदिर -4
गाड़ीखाना चौक -4
डेली मार्केट - 3
सर्जना चौक - 5
मेन रोड ओवर ब्रिज- 5
शहीद मैदान -5
चांदनी चौक - 3
टाटीसिल्वे चौक - 4
कैसे, कैसे कैमरे
एएनपीआर कैमरे: ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉगनाइजेशन जिसे विशेष तौर पर वाहनों का नंबर प्लेट पढऩे के लिए डिजाइन किया गया है।
आरएलवीडी कैमरे : चौक-चौराहों पर रेड लाइट वाइलेशन डिटेक्शन और ट्रैफिक सिग्नल तोडऩेवाले वाहनों की पहचान करता है।
एसवीडी कैमरे : रैश ड्राइविंग पर रोक लगाने के लिए सिंगुलर वैल्यू डिकॉम्पोजिशन जो स्पीड वायलेशन डिटेक्टर के रूप में काम करता है।
पीटीजेडए 360 डिग्री कैमरे: क्राइम कंट्रोल के लिए शहर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।
गाड़ी चोरी हुई कम
शहर में लगाए गए सभी कैमरों की मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम से की जा रही है। जब भी किसी गाड़ी के चोरी होने की सूचना मिलती है तो एएनपीआर कैमरे की मदद से उस गाड़ी के नंबर को रजिस्टर्ड कर लिया जाता है। जब भी वो गाड़ी एएनपीआर कैमरे की जद में आती है तो उसके मूवमेंट को कैप्चर कर कंट्रोल रूम में डायरेक्ट अलर्ट जारी होता है।
ऑनलाइन भेजा जा रहा चलान
सीसीटीवी के हाई क्वालिटी कैमरे से नजर रख गाड़ी के नंबर से उनके ओनर का डिटेल निकालकर स्मार्ट चालान भेजना शुरू हो चुका है। यह चालन ओनर के घर पर ही भेज दिया जा रहा है। यह चालान उन्हें तय समय में जमा भी करना है, नहीं तो आगे चलकर उन पर बड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है।
ऐसे तोड़ रहे ट्रैफिक रूल्स
एक साल में करीब डेढ लाख से अधिक लोगों को ट्रैफिक नियम तोडऩे के लिए उनके घर ऑनलाइन चालान भेजा गया है। इनमें बिना हेलमेट पहने हुए लोग हैं, इसके अलावा तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने वाले लोग, ओवरटेक करने वाले व रेड लाइट जंप करने वाले लोग भी शामिल हैं। रडार में आए हुए लोगों का डाटा निकाल ई चालान उनके घर भेजा जा रहा है। अभी तक लोगों को यह लगता है कि वह रेड लाइट जंप करने गए या फि र ओवरटेक कर रहे हैं, बिना हेलमेट के निकल गए तो पुलिस उन्हें नहीं पकड़ रही है।
इंटेलीजेंट ट्रांजिट मैनेजमेंट सिस्टम
शहर के हर चौक चौराहे पर हाई क्वालिटी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसमें इंटेलिजेंट ट्रांजैक्ट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत आरएलडी कैमरे, एनपीआर कैमरे और एसवीडी कैमरे शामिल हैं।