रांची(ब्यूरो)। राजधानी के मोरहाबादी मैदान को न्यूयॉर्क का टाइम्स स्क्वायर बनाने का सपना भी अधूरा रह गया। 2018 में तत्कालीन सरकार ने मोरहाबादी मैदान को न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर की तर्ज पर डेवलप करने का निर्णय लिया था। इस पर झारखंड अर्बन डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंसी (जुडको) द्वारा 24 करोड़ रुपए खर्च भी कर दिए गए, लेकिन जिस मकसद से इसका निर्माण किया गया, वही पूरा नहीं हो पाया।
रघुवर सरकार में बना
तत्कालीन रघुवर सरकार में राजधानी के मोरहाबादी मैदान को न्यूयार्क के टाइम्स स्क्वायर की तर्ज पर बनाया गया। 2018 में बने इस टाइम्स स्क्वायर में अब आम लोगों के अलावा कोई खास नहीं होता है। कुछ अवसरों और सरकारी आयोजन में ही इसके मुख्य स्टेज पर कार्यक्रम होते हैं और उस दिन यहां लगे 11 बड़े-बड़े एलईडी सें प्रसारण होता है। अब यह खर्च बेकार साबित हो रहा है, क्योंकि इसमें 24 करोड़ रुपये सरकार ने खर्च किए थे। अपने अमेरिका दौरे से लौटने के बाद पूर्व सीएम रघुवर दास ने टाइम्स स्क्वायर की तर्ज पर मोरहाबादी मैदान को विकसित करने का निर्णय लिया था।
खत्म हो रही रौनक
अब टाइम्स स्क्वायर की रौनक समाप्त हो गई है, क्योंकि 2.50 किलोमीटर से अधिक के वृताकार मोरहाबादी मैदान से स्ट्रीट वेंडर्स को वर्तमान सरकार ने हटा दिया है। अब उन्हें नई जगह पर शिफ्ट किया गया है। ऐसे में 24 करोड़ खर्च करके बनाए गए टाइम्स स्क्वायर में लोग सिर्फ सेल्फी खिंचवाने के लिए जाते हैं। आसपास में बने दादा-दादी पार्क और अन्य में भी गतिविधियां कम हो गई हैं। यह इलाका वीआईपी होने की वजह से भी प्रभावित हुआ है।
सीमित हुई उपयोगिता
टाइम्स स्क्वायर की उपयोगिता खास आयोजनों तक ही सीमित रह गई है। सरकारी कार्यक्रम, रैलियों के दौरान स्क्वायर में रौनक रहती है। इसके अलावा इसका अब कोई उपयोग नहीं है। पूर्व में इसे विकसित करने के लिए फन जोन, फूड जोन और अन्य कई अवधारणा की गई थीं, ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके और वे एलईडी स्क्रीन पर समाचार, स्पोट्र्स और अन्य कार्यक्रम का लुत्फ उठा सकें। अब यह सरकारी योजना मृतप्राय जैसी हो गई है। इसका रख-रखाव भी प्रभावित हो रहा है
लगी हैं एलईडी स्क्रीन
टाइम्स स्क्वायर को लेकर मोरहाबादी मैदान के एक किनारे ट्रांसफॉर्मर व दो जेनसेट लगाए गए और दिल्ली की कंपनी हाईटेक सिस्टम को यह काम दिया गया था। सरकार ने बच्चों के जन्मदिन का लाइव प्रसारण से लेकर अन्य के लिए बड़े-बड़े एलईडी स्क्रीन लगवाए हैं। मैदान में कुल 11 और बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम के ऊपर 3 एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं। योजना के तहत 16 लाइट पोल, 8 हाई मास्ट लाइट, 3 किमी लंबा जॉगर्स ट्रैक, 4 फाउंटेन मैदान के विभिन्न स्पॉट पर लगाने की सहमति बनी थी। इसका शुभारंभ भी पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में कर दिया गया था।
यह योजना बनी थी
न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वॉयर की तर्ज पर रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान को तैयार करना था। नगर विकास विभाग की एजेंसी जुडको की निगरानी में मोरहाबादी मैदान का सौंदर्यीकरण हुआ था। सिंगापुर की कंपनी मैनहर्ट ने डिजाइनिंग और डीपीआर तैयार की है। फेज-1 के तहत एलईडी लाइट, स्टेज का जीर्णोंद्धार, हाईमास्ट लाइट और गोबो लाइटिंग तैयार की गई। इस पर करीब 24 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
कंट्रोल रूम व सिक्योरिटी सेंटर
मैदान में बने स्टेज को तोड़कर नया स्टेज बनाया गया। स्टेज के ऊपर स्थाई छत लगाई गई। स्टेज पर राज्यस्तरीय, सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। स्टेज भी आकर्षक लाइटिंग से सजा है। लाइटिंग और सिक्योरिटी के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है।
एलईडी स्क्रीन
बच्चों के जन्मदिन का लाइव प्रसारण करा सकते हैं मैदान के चारों ओर बड़े-बड़े पोल लगे हैं, जिस पर एलईडी स्क्रीन है। मैदान में कुल 11 और बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम के ऊपर 3 एलईडी स्क्रीन लगी हैं।
आधा-अधूरा ही रह गया काम
16 लाइट पोल लगेंगे मोरहाबादी मैदान के चारो ओर
8 हाई मास्ट लाइट
11 एलईडी स्क्रीन मैदान में लगे
3 एलईडी स्क्रीन बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम के ऊपर लगी
3 किमी लंबा जॉगर्स ट्रैक
4 फाउंटेन मैदान के विभिन्न स्पॉट पर