रांची (ब्यूरो) । पठन पाठन में उत्कृष्टता के अलावा सशक्त चरित्र निर्माण भी उतना ही आवश्यक है। यह बात सरला बिरला विश्वविद्यालय के महानिदेशक प्रो गोपाल पाठक ने अपने संबोधन के दौरान कहा। वे विवि के नए सत्र के लिए आयोजित तीन दिवसीय इंडक्शन कार्यक्रम के अवसर पर उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने सामान्य अनुशासन के अलावा शैक्षणिक और वित्तीय अनुशासन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने एसबीयू के साथ विभिन्न विदेशों विश्वविद्यालयों के एमओयू की जानकारी देते हुए कहा कि इससे विवि के विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय शैक्षणिक परिवेश में अध्ययन का अवसर हासिल होगा।

साकारात्मक प्रवृत्ति को

कार्यक्रम में विवि के प्रभारी कुलपति प्रो एसबी डांडीन ने विद्यार्थियों को अ'छे कर्म, सहयोगी स्वभाव और जीवन में साकारात्मक प्रवृत्ति को अपनाते हुए अध्ययन को आत्मसात् की सलाह दी.कुलसचिव प्रो वीके सिंह ने नए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें बिरला परिवार की समृद्ध विरासत, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अपनी जड़ों से जुड़े रहने के विषय में बताया। डीन डॉ नीलिमा पाठक ने विद्यार्थियों को बेहतरीन समय प्रबंधन, अनुशासन, कुशल आचरण और दृढ़ संकल्प के जरिए अपना लक्ष्य पूरा करने की सलाह दी। कार्यक्रम का संचालन इशिका सिंह और समापन डॉ शुभ्रजीत मंत्री ने किया। उपस्थित विद्यार्थियों के समक्ष डीएसडब्ल्यू डॉ अशोक अस्थाना, हरिबाबू शुक्ला, प्रो राहुल वत्स, डॉ पीके होता और सीएस महता ने अपने विभागों के विषय में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ संदीप कुमार, डॉ शैलेश नारायण सिंह, डॉ राज कुमार सिंह समेत विश्वविद्यालय के अन्यान्य शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी भी उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति बिजय कुमार दलान और डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने इस कार्यक्रम के आयोजन पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।