रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में चोरी की वारदातों में कोई कमी नहीं आ रही है। चोरी पर कंट्रोल होने की जगह दिनोंदिन इसमें इजाफा ही होता जा रहा है। आलम ये है कि बीते 40 दिनों में सिटी में 38 चोरियां हो चुकी हैं। शहर का कोई भी थाना क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है जहां चोरों ने कांड को अंजाम न दिया हो। लेकिन पुलिस के हाथ हर मामले में खाली हैं। सिवाय इनवेस्टिगेशन के पुलिस और कुछ ज्यादा नहीं कर पाई है। न तो चोरों को गिरफ्तार किया गया है और न ही चोरी के सामान बरामद किए गए हैं। चोरी होने पर पुलिस स्टेशन में एफआईआर तो दर्ज होती है, लेकिन उसके आगे कोई खास कार्रवाई नहीं होती है। पीडि़त परिवार सिर्फ थानों के चक्कर लगाता रहता है। पुलिस न तो सुरक्षा दे पा रही है, और न ही अपराधियों को अरेस्ट करने में सफल हो रही है। जबकि दूसरी ओर चोर एक के बाद एक वारदात करके पुलिस को लगातार चुनौती दे रहे हैं।
कैश समेत 1 करोड़ की संपत्ति चोरी
बीते 40 दिनों में चोरों ने 38 चोरी की वारदात को अंजाम दिया है। चोर कैश समेत एक करोड़ 25 लाख की संपत्ति ले उड़े। सबसे ज्यादा अरगोड़ा, सदर, लोअर बाजार, जगन्नाथपुर, बरियातू और पंडरा ओपी क्षेत्र में हुई है। इसके अलावा दूसरे इलाकों में भी चोरी की छिटपुट वारदातें हुई हैं। थानों में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, चोरी ज्यादातर बंद घरों या बंद दुकानों में हुई हैं। चोरों ने बंद घरों को ही निशाना बनाते हुए वारदात को अंजाम दिया है। वारदात के बाद चोर बेखौफ घूम रहे हैं। कई वारदातों को सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को मिली है। इसके बाद भी पुलिस चोरों को नहीं पकड़ पाई हैं। जिससे स्पष्ट है राजधानी की पुलिस चोरों के सामने लाचार हैं। घटना के बाद थाने में मामला दर्ज होता है, पुलिस घटना स्थल पर पहुंच कर जांच करती है, फुटेज भी खंगाले जाते हैं। इसके बाद पुलिस सुस्त पड़ जाती है, इधर चोरों का गिरोह लगातार वारदात को अंजाम देता रहता है।
पुलिस पेट्रोलिंग सिस्टम फेल
शहर में पुलिस पेट्रोलिंग सिस्टम फेल है। कुछ प्रमुख सड़कों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर इलाकों में पुलिस गश्ती न के बराबर है। लोकल लोगों ने कई बार पुलिस से गश्ती बढ़ाने की फरियाद भी की लेकिन फिर भी कोई पहल नहीं की गई। चोरी रोकने के लिए कई बार हाई लेवल मीटिंग होती है। डीजीपी, एसएसपी द्वारा चोरी रोकने के आदेश दिए जाते हैं। जब तक आदेश ताजा रहता है, पुलिस एक्टिव रहती है। दो-चार दिन में फिर से पहले जैसे स्थिति हो जाती है। अधिकारियों से दिशा निर्देश मिलने के बाद पुलिस की टीम कुछ दिनों तक गश्ती तेज कर देती है। चोरी रोकने के नए-नए प्लान बनाए जाते हैं। आदेश पुराना होते ही सभी प्लान और गश्ती ठंडे बस्ते में चला जाता है। इसका फायदा चोरों का गैंग उठाता रहता है।
महीने भर में बड़ी चोरी
इलाका कितनी चोरी कैश समेत संपत्ति उड़ाई
अरगोड़ा 7 16 लाख
सदर 6 11 लाख
बरियातू 5 17 लाख
पंडरा 5 25 लाख
लोअर बाजार 5 20 लाख
धुर्वा 4 09 लाख
जगन्नाथपुर 5 29 लाख
डोरंडा 4 11 लाख
केस 1
16 दिसंबर : डोरंडा थाना क्षेत्र स्थित डिबडीह निवासी जीतनी कुजूर के घर से अज्ञात चोरों ने घर का ताला तोड़कर डेढ़ लाख रुपए कैश समेत लाखों रुपए के कीमती जेवर और सामान उड़ा लिये।
केस 2
16 दिसंबर : अनगड़ा थाना क्षेत्र में गोंदलीपोखर चौक के पास स्थित शंकर फर्नीचर दुकान से चोरों ने 16 लाख रुपए चोरी कर लिये। दुकान के पीछे की खिड़की को गैंता से तोड़कर दुकान ड्रावर से कैश निकाल कर भाग गए।
केस 3
10 दिसंबर : हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के रहने वाले मुमताज अहमद के घर चोरी। चोरों ने 40 हजार रुपए कैश चार गैस सिलेंडर, समेत अन्य कीमती सामान पर हाथ साफ कर लिया। आरोपी को पुलिस ने दबोचा, सामान बरामद।
केस 4
पांच दिसंबर: डोरंडा थाना क्षेत्र स्थित एक फ्लैट से चोरों ने करीब 43 लाख रुपए के गहने उड़ा लिये। चोरी का सामान लेकर गिरोह यूपी भाग गया, इसके बाद यूपी पुलिस की मदद से चोरों को पकडऩे में पुलिस सफल रही।
सभी थाना प्रभारियों को सख्ती से पेट्रोलिंग करने का आदेश दिया गया है। चोरों पर भी पुलिस की नजर है। गिरोह के सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
-राजकुमार मेहता, सिटी एसपी, रांची