रांची (ब्यूरो) । झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष सफदर ईमाम ने कहा है कि सरकारी और अल्पसंख्यक विद्यालयों के शिक्षक छात्र हित में कार्य करते हैं और अपना शत प्रतिशत योगदान विद्यालय में देते हैं मगर इन शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिलना दुर्भाग्य की बात है। इस पर विभाग और जिला कार्यालय भी गंभीर नहीं दिखता। विभाग और जिला कार्यालय को स्वयं संज्ञान लेना चाहिए और शिक्षकों को समय पर वेतन आदि का भुगतान कैसे हो इसको गंभीरता से लेना चाहिए। वेतन भुगतान पर जिला कार्यालय के द्वारा अगर गंभीरता नहीं ली जाती है और समय पर वेतन का भुगतान नहीं होता है तो वैसे कर्मियों के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि जो शिक्षक छात्र हित में काम कर रहे हैं और वेतन नहीं मिल रही तो उनका मनोबल टूटने लगता है।
नियुक्ति पत्र दी गई
उन्होंने कहा कि विभाग के द्वारा 2015 में जब टीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दी गई तो जिस विद्यालय में किसी विषय में स्वीकृत पद नहीं रहने के बावजूद उस में शिक्षकों को पदस्थापित कर दिया गया जिसकी शिकायत संबंधित शिक्षकों ने विभाग में जाकर आवेदन के माध्यम से दिया। कई बार शिक्षकों ने विभाग जाकर गुहार लगाई कि मेरी नियुक्ति जिस विषय में हुई है वहां पर उस विषय के ब'चे नहीं हैं। बहुत से विषय ऐसे भी थे जिनमें एक यूनिट होने के बावजूद वहां पर दो शिक्षकों को भेज दिया गया। ऐसे बहुत सारे शिक्षक जो 2019 में दूसरे जिला से रांची आए थे, उन लोगों को वैसे विद्यालयों में भेज दिया गया है, जहां पर पूर्व से उस विषय के शिक्षक थे, जिस कारण 6 माह से उन को वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। एक मामला यह भी रहा के 2019 में जिन शिक्षकों की बहाली हुई उनकी सेवा संपुष्टि भी लंबित है, जिनकी मांग संघ के द्वारा हमेशा जिला के पदाधिकारी से की गई। 2023 में जिन शिक्षकों की बहाली हुई है, उनकी सेवा पुस्तिका अभी तक नहीं खोली गई है। इन सभी विषयों पर पूर्व के जिला शिक्षा पदाधिकारी को संघ के द्वारा प्रतिवेदन दिया गया। परंतु उन्होंने इन मामलों को गंभीरता से नहीं लिया, वर्तमान के जिला शिक्षा पदाधिकारी विनय कुमार को भी संघ के द्वारा प्रतिवेदन दिया गया, तो उन्होंने कहा कि छात्र हित में और विद्यालय हित में मुझे जो भी मामले संघ के माध्यम से दिए जाएंगे या संज्ञान में आएगा, मैं उन परेशानियों को दूर करने में देर नहीं करूंगा।